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पुनर्विवाह करने वाली विधवा भी पहले पति की संपत्ति में हिस्सेदार
भास्कर प्रतिनिधि | नागपुर. पति की मृत्यु के बाद दूसरा विवाह करने वाली विधवा स्त्री को पहले पति की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा या नहीं, इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाया है। हिंदू सक्सेशन एक्ट धारा 10 के तहत हाईकोर्ट ने विधवा स्त्री को पति की संपत्ति में हकदार मानते हुए भारतीय रेलवे को आदेश दिए कि वह अपने दिवंगत कर्मचारी की पत्नी और मां दोनों में बराबर-बराबर राशि का भुगतान करे। भारतीय रेलवे में प्वाइंट्समैन पद पर कार्यरत अनिल का 19 अप्रैल 1991 को निधन हो गया। उसकी मृत्यु के ठीक एक माह बाद ही उसकी पत्नी सुनंदा ने दूसरा विवाह कर लिया। अनिल ने अपनी मृत्यु उपरांत लाभ के लिए पत्नी का नामांकन करा रखा था। इसका पालन करते हुए रेलवे ने करीब 65 हजार रुपए सुनंदा के खाते में स्थानांतरित कर दिए। अनिल की मां ने रेलवे के इस फैसले को दीवानी न्यायालय में चुनौती दी तो दीवानी न्यायालय ने सुनंदा को पुनर्विवाह करने के कारण संपत्ति का अपात्र करार देकर सारी रकम मां के खाते में डालने के आदेश रेलवे को दिए।
रेलवे ने जिला न्यायालय में अपील की तो न्यायालय ने पत्नी और मां दोनों में रकम बांटने के आदेश रेलवे को दिए। ऐसे में अनिल की मां ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून यह कहता है कि एक विधवा के पुनर्विवाह के कारण उसे पति की संपत्ति के लिए अयोग्य घोषित करने वाले कानूनों को भारत में वर्षों पहले रद्द कर दिया गया है। हिंदू सक्सेशन एक्ट धारा 10 के तहत विधवा और मां दोनों प्रथम श्रेणी वारिसदारों में हैं। ऐसे में मां और पत्नी दोनों संपत्ति में बराबर के हिस्सेदार हैं। इस निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने पत्नी को आधी रकम रेलवे को वापस लौटाने के आदेश दिए। रेलवे को इस रकम को मृतक कर्मचारी की मां को अदा करने के आदेश दिए गए हैं।
Created On :   6 Sept 2021 4:09 PM IST