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सड़क हादसे में पति की मौत के बाद क्लेम के लिए भटक रही पत्नी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियों ने पॉलिसी बेचने के लिए बैंकों से भी एग्रीमेंट कर रखा है। बैंक में खाता खोलते वक्त या फिर किसी तरह का फाइनेंस लेते समय तरह-तरह के ऑफर के साथ पॉलिसी बेचने का खेल किया जा रहा है। बैंक के माध्यम से पॉलिसी लेते वक्त आम आदमी को पूरी तरह यकीन होता है कि उन्हें लाभ मिलेगा। पॉलिसी का प्रति वर्ष प्रीमियम भी बैंक खाते से ऑटोकट हो जाता है और जब बीमित को पॉलिसी के सहारे की आवश्यकता होती है तो उस समय किसी तरह का सहयोग बीमा कंपनी के द्वारा नहीं दिया जाता है। आरोप है कि बैंक के माध्यम से ली हुई पॉलिसी में बीमा अधिकारियों के द्वारा धोखा ही दिया जाता है, जिसके कारण आम लोगों को भटकना पड़ता है और जेबों से सारा भुगतान करना पड़ रहा है। बीमितों के द्वारा बीमा अधिकारियों पर कार्रवाई की माँग की जा रही है।
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सारे दस्तावेज जमा कर दिए थे बैंक केे माध्यम से
छिंदवाड़ा के पिपरिया राजगुरु निवासी कृष्णा बाई डेहरिया ने अपनी शिकायत में बताया कि पति भागलाल डेहरिया का बैंक में खाता था। उनके खाते से प्रतिवर्ष बीमा पॉलिसी की राशि कट जाती थी। मई 2022 में पति की सड़क हादसे में मौत हो गई। पति की मौत के बाद पास बुक चैक करने पर खुलासा हुआ कि अपाहिज होने या फिर मौत होने की स्थिति में बीमा का लाभ मिलेगा। पीड़िता पासबुक लेकर बैंक पहुँची और उसके द्वारा सारे दस्तावेज बीमा क्लेम के लिए प्रस्तुत किए गए। बैंक अधिकारियों ने सारे दस्तावेज लेने के बाद कहा कि जल्द ही पीएम सुरक्षा बीमा क्लेम राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। जिस अकाउंट से राशि कटा करती थी, उस खाते में नाॅमिनी के रूप में कृष्णा बाई डेहरिया का नाम दर्ज है। पत्नी के द्वारा लगातार बैंक से संपर्क किया जा रहा है पर वहाँ पर पदस्थ जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी जा रही है। आरोप लगाते हुए बताया कि बीमा कंपनी तक का नाम बैंक से नहीं बताया जा रहा है और मैं लगातार भटक रही हूँ। बीमित मजदूरी करता था और परिजनों के बाद दूसरा कोई आय का स्रोत नहीं है।
Created On :   23 Sept 2022 4:41 PM IST