जंगल क्षेत्र तक पहुंचे प्लॉट स्कीम बेमौत मारे जा रहे हैं वन्यजीव हिंगना व हुड़केश्वर वन परिक्षेत्र अंतर्गत हो रही घटनाएं

Wild animals are dying because of increasing in deforestation
जंगल क्षेत्र तक पहुंचे प्लॉट स्कीम बेमौत मारे जा रहे हैं वन्यजीव हिंगना व हुड़केश्वर वन परिक्षेत्र अंतर्गत हो रही घटनाएं
जंगल क्षेत्र तक पहुंचे प्लॉट स्कीम बेमौत मारे जा रहे हैं वन्यजीव हिंगना व हुड़केश्वर वन परिक्षेत्र अंतर्गत हो रही घटनाएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन क्षेत्र व खेतों में सीमेंट कांक्रिट के रास्ते व मकान बन जाने से वन्यजीव शहरों की ओर रूख करने मजबूर हो रहे हैं। हिंगना व हुड़केश्वर वनपरिक्षेत्र अंतर्गत वन्यजीव बड़ी संख्या में जंगल से बाहर दिखाई दे रहे हैं। इस कारण उनका या तो शिकार हो रहा है या फिर वह किसी हादसे में मारे जा रहे हैं। उक्त क्षेत्र अंतर्गत गत कुछ वर्षों के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। उक्त क्षेत्र अंतर्गत पिंपला, वेडाहरी, शंकरपुर, बेलतरोड़ी, घोघली आदि देहातों का समावेश है। यहां काफी समय तक जंगली क्षेत्र व खेत रहने से काले हिरण, सांबर और लोमड़ी जैसे वन्यजीवों की संख्या बढ़ी है। क्षेत्र में अचानक जमीन का दाम बढ़ने से कई लोगों ने खेत बेचकर प्लॉट स्कीम डाल रखी है। नतीजतन, पेड़-पौधों का सफाया होता गया और वन्यजीव सड़कों तक पहुंचने लगे। इसी का फायदा ताक में बैठे शिकारी उठा रहे हैं।

होती है पार्टियां 
सूत्रों के अनुसार, परिसर में ऐसे शिकारी मौजूद हैं, जो हिरण, सांबर जैसे वन्यजीवों का शिकार कर पार्टियां मनाते हैं। इसकी गवाही 1 जनवरी 2017 की घटना दे रही है, जब यहां मनीष नगर के जंगली क्षेत्र में 9 जाल मिले थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक जाल में एक लोमड़ी भी फंसी थी। काफी जद्दोजहद के बाद वह भागने में सफल रही। पार्टी मनानेवाले विभिन्न तरीके से वन्यजीवों का शिकार करते हैं। वर्ष 2011 में घोघली गांव में दो शिकारियों को पकड़ा गया था।

बन रहे कुत्तों का निवाला
जंगल छोड़ बाहर आने से वन्यजीव कुत्तों का शिकार भी हो रहे हैं। ऐसी कई घटनाएं सामने हैं। वर्ष 2015 में 19 मार्च को ओमकार नगर में एक कुत्ते ने हिरण को घायल कर मार दिया था। इस वर्ष 16 जून को भी वेसा पिपला मार्ग पर कुत्ते ने हमला कर एक हिरण को मार दिया था।

वाहनों की चपेट में आते हैं
यहां आउटर रिंग रोड तो बना है, पर वन्यजीवों के लिए कोई कॉरिडोर नहीं बनाया गया है। ऐसे में आए दिन यह वन्यजीव सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं। वर्ष 2017 में 17 मई को हुई एक घटना में आउटर रिंग रोड के पास एक खेत में सांबर मृत अवस्था में देखा गया था। 24 अप्रैल को आउटर रिंग रोड के पास रास्ता पार करते समय एक काले हिरण की जान गई थी। इसके अलावा 30 जून 2018 को घोघली गांव के पास एक काला हिरण किसी अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया था।

कारगर कदम जरूरी
परिसर में बहुत वन्यजीव खुली आंखों से देखने को मिलते हैं। जंगल क्षेत्र में इंसानों की ज्यादा घुसपैठ होने से वह बाहर निकल रहे हैं। इस कारण कभी हादसे में उनकी जान जा रही है, तो कभी शिकारी या पालतू जानवरों का शिकार बन रहे हैं। वन विभाग की ओर से कोई कारगर कदम उठाना जरूरी है। 
स्वप्निल बोधानी, वन्यजीव प्रेमी 

बरती जाती है सतर्कता, होती है गश्त

शिकारियों को पकड़ने के लिए हमारी ओर से हर बार सतर्कता बरती जा रही है। नियमित तौर पर दिन व रात में गश्त की जाती है। इसके अलावा बहुत ज्यादा जगहों पर जंगल प्लॉट में बदलने से व खेती बंजर होने से भी वन्यजीव सड़कों पर आ रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए उपाय योजना जारी है।
आशीष निनावे, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, हिंगना

Created On :   5 July 2018 5:50 AM GMT

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