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एक साल बाद मिली जंगली बिल्ली को आजादी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक साल से ज्यादा समय तक इलाज चलने के बाद आखिरकार एक जंगली बिल्ली को आजादी मिल गई। पेंच व्याघ्र प्रकल्प में उसे शनिवार की सुबह छोड़ा गया। पिंजरे से बाहर निकलते ही वह तेजी से जंगल की ओर भाग गई। डॉक्टरों ने भी उसे पूरी तरह से स्वस्थ्य मामने के बाद ही जंगल में छोड़ा। पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत नेशनल हाईवे क्रमांक 7 पर वर्ष 2020 में एक जंगली बिल्ली दुर्घटना में घायल हो गई थी। उसे नागपुर के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर में लाया गया था। उसके तीनों पैर चोटिल थे। एक्स-रे के बाद एक पैर की हड्डी टूटी होने की बात सामने आई। वह चल नहीं पा रही थी। सेंटर में उसका इलाज किया जाने लगा। डॉ. मयूर काटे, डॉ. सैय्यद बिलाल अली, डॉ. रांचे असिस्टेंट, सिद्धांत मोरे व समीर नेवारे ने मिलकर उसकी सर्जरी की थी। टूटी हड्डी को जोड़ने के लिए रॉड डाला गया था।
पूरी तरह से स्वस्थ थी
बिल्ली के स्वास्त्य में धीरे-धीरे सुधार आता गया। उसे बड़े पिंजरे में रखा गया। जब बिल्ली पूरी तरह से स्वस्थ्य लगने लगी, तो पुन: उसके पैर का एक्सरे किया गया, तो हड्डी पूरी तरह से जुड़ी हुई दिखाई दी। उसके बाद चिकित्सा प्रमाणपत्र लेकर उसे पेंच के जंगल में छोड़ा गया है। टीटीसी में पहली बार कोई वन्यजीव एक साल 7 दिन रहने के बाद फिर से जंगल में पहुंचा है। ज्यादातर मामलों में इतनी गहरी चोट लगने से वन्यजीव की मौत हो जाती है।
Created On :   9 Jan 2022 5:17 PM IST