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पूनम के चांद में होगा वन्यजीवों का दीदार, 50 मचान तैयार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ के कई जंगलों में शनिवारी को पूनम की रात में वन्यप्रेमी वन्यजीवों का दीदार करने वाले हैं। लगभग 50 मचान पर 100 से अधिक लोगों ने उपस्थिति दिखाई है। बाघ, तेंदुआ, भालू के साथ कई को लुप्त प्रजाति के वन्यजीव देखने का भी मौका मिल सकता है। गत वर्ष की तरह इस बार भी मचान पर आने के लिए वन्यजीव प्रेमियों का बहुत ज्यादा उत्साह देखा जा रहा है। कुछ समय पहले तक इस प्रक्रिया को वन्यजीवों की गणना के तौर पर लिया जाता था। लेकिन अब इसे मात्र मनोरंजन की दृष्टि से देखा जा रहा है।
विचरण करते हैं विभिन्न वन्यजीव
विदर्भ में काफी बड़ा वनक्षेत्र है। जहां बाघ, तेंदुए से लेकर भालू का बसेरा रहता है। पेंच, ताडोबा, बोर आदि वनक्षेत्र में बारिश के दिन छोड़ दिए जाएं तो बाकी दिनों जंगल सफारी करनेवालों की भीड़ रहती है। वन्यजीवों का देखना अपने-आप में अद्भुत अनुभव रहता है। जंगल सफारी के अलावा वन्यप्रेमियों को वन्यजीवों का दीदार करने के लिए एक अन्य प्रक्रिया भी रहती है। जो पूनम की रात मचान पर बैठ वन्यजीवों का निरीक्षण कराया जाता है। वन विभाग कुछ प्रतिशत तक इसे वाणिज्यिक तौर पर करते हैं, वहीं कुछ को नि:शुल्क तरीके से कराते हैं। इस बार भी 18 मई की शाम 4 बजे से 19 मई के सुबह तक यह प्रक्रिया चलेगी। जिसका प्रचार-प्रसार महीनेभर पहले से ही किया गया था। ऐसे में अब तक लगभग एक सौ से अधिक वन्यजीव प्रेमियों ने अपनी उपस्थिति दिखाई है।
पूनम की रात ही क्यों होता है दीदार
पूनम की रात में चांद पूरी तरह आसमान में रहता है, साथ ही पूनम के चांद की रोशनी इतनी तेज रहती है कि दूर-दूर तक आसानी नजर जाती और वन्यजीवों को आसानी से देखा जा सकता है। वन विभाग की ओर से इसी का फायदा उठाकर जंगलों के उन हिस्सों में मचान लगाते हैं। जहां से पानी का स्त्रोत पास होता है। जिसे आँखों से देखा जा सकता है। गर्मियों के कारण वन्यजीव रात में पानी के स्रोत तक आते जाते रहते हैं। ऐसे में चांद की रोशनी में उन्हें साफ-तौर पर देखा जा सकता है। मचान पर आनेवालों के लिए प्राकृतिक सौदर्य का अनुभव लेने का यह बहुत अच्छा मौका रहता है। ऐसे में वे यह मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं।
Created On :   18 May 2019 5:18 PM IST