नगर रचना अधिनियम में होगा संशोधन, आर्किटेक्ट या अभियंता करेंगे नक्शा पास !

Will be amended in the city composition act,Architect or engineer will pass the map
नगर रचना अधिनियम में होगा संशोधन, आर्किटेक्ट या अभियंता करेंगे नक्शा पास !
नगर रचना अधिनियम में होगा संशोधन, आर्किटेक्ट या अभियंता करेंगे नक्शा पास !

डिजिटल डेस्क,नागपुर। राज्य शासन ने महाराष्ट्र प्रादेशिक व नगर रचना अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इस पर आमजन 30 दिन के अंदर अपने सुझाव व आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। हालांकि, यह संशोधन खाली और छोटे प्लॉट धारकों को ही राहत देगा। यदि संशोधन हो जाता है, तो प्रदेश के मध्यम वर्ग को खासी राहत होगी। दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे और मकान बनाने में सहूलियत होगी।

दरअसल यह संशोधन 150 वर्गमीटर के कम रिस्क श्रेणी व 151 से 200 वर्गमीटर के मध्यम रिस्क श्रेणी के भू-खंडों के लिए हैं। इन्हें अब नक्शा पास कराने के लिए चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। प्लॉट से संबंधित सभी मूल कागजात लेकर अपने आर्किटेक्ट  या पंजीकृत अभियंता के पास जाना होगा। सभी दस्तावेजों का सत्यापन करते हुए आर्किटेक्ट या अभियंता  इसका नक्शा बना कर खुद स्वीकृत कर सकेगा। खास बात यह कि उसे नक्शे को 10 दिन के अंदर नगर रचना विभाग में जमा कराना होगा। नगर रचना विभाग का अधिकारी उसे काउंटर मार्क कर दे देगा व 10 दिन के अंदर विभाग निर्माण प्रारंभ करने की अनुमति देगा। 

151 से 200 वर्गमीटर के प्लाट पर निर्माण में नींव के बाद विभाग का अभियंता आकर निरीक्षण करेगा, लेकिन छोटे प्लॉट के लिए यह जिम्मेदारी भी आर्किटेक्ट या पंजीकृत अभियंता की होगी। उसे निरीक्षण कर 48 घंटों के अंदर विभाग को अपलोड करना होगा। इमारत निर्माण होने के बाद आर्किटेक्ट या पंजीकृत अभियंता निर्माण पूरा होने की जानकारी विभाग को देगा और उसके 10 दिनों के अंदर आक्यूपेंसी प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा।

नक्शा पास होने में लगते थे 60 दिन
पहले नक्शा पास होने में ही 60 दिन लग जाते थे। विभाग का अभियंता मौके पर जाकर निरीक्षण करता था। इसके बाद ही आगे के कार्य होते थे। पूर्व में 500 वर्गमीटर तक के प्लॉट के लिए जोन कार्यालयों से ही नक्शा पास होता था। पिछले कुछ दिन पूर्व आए निर्देश पर अब पूरा कार्य मुख्य कार्यालय से ही होने लगा है। इससे कार्य का बोझ बढ़ने से काम पूरा होने में विलंब होना लाजिमी है। आर्किटेक्ट सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि अभी इस पर कुछ कहना मुनासिब नहीं है। फिर भी यदि यह संशोधन होता है तो मध्यम वर्ग व छोटे प्लॉट धारकों को बहुत राहत होगी। विभागीय स्तर पर शोषण भी रुकेगा। अर्किटेक्ट व अभियंताओं की जवाबदेही बढ़ जाएगी, लेकिन मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।

Created On :   25 Aug 2017 12:40 PM IST

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