- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- वर्धा
- /
- गांधी जिले में कतई नहीं बिकने देंगे...
गांधी जिले में कतई नहीं बिकने देंगे शराब - एसपी
डिजिटल डेस्क, वर्धा, संजयकुमार ओझा| गांधी जिले में वर्ष 1975 से वैसे तो शराब बंदी लागू हुई है, लेकिन पुलिस विभाग की लचर कार्यप्रणाली के कारण चौक-चौक व गली-चैराहों सहित जिले की आठों तहसील के ढाबा, होटल में शराब आसानी से उपलब्ध हो जाती है। मगर जिला पुलिस अधीक्षक नरूल हसन ने सोमवार 24 अक्टूबर से पदभार संभालते ही फरमान जारी किया कि शराबबंदी वाले जिले में कतई शराब बिकने नहीं देंगे। नरूल हसन को पदभार ग्रहण किए सिर्फ पांच दिन बीते हैं कि शराब विक्रेताओं में हड़कंप मचा है। जिले के 19 पुलिस थानाें के थानेदारों ने सभी अवैध शराब विक्रेताओं को संदेश पहुंचा दिया है कि सभी अवैध शराब बिक्री के व्यवसाय बंद करंे। शराब और जुआ के अड्डों पर छापे मारे जा रहे हैं। जिलेभर के शहर व गांवों में देशी विदेशी शराब, हाथभट्ठी शराब की बिक्री हो रही है। इसके लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर व 19 पुलिस थाना के थानेदार, अपराध शाखा के दलों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। उनके रहते हुए भी खुलेआम अवैध धंधे चल रहे थे। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रशांत होलकर को 22 सितंबर 2022 को दो साल हो गए हंै। उनके कार्यकाल में लग रहा था मानों जिले में शराब बंदी हटा दी गई हो। ऐसे में नए एसपी नरूल हसन को जिले की बागडोर सौंपी गई है। नरूल हसन पर वर्धा में कुछ अलग करने का जज्बा दिख रहा हो लेकिन सवाल उठ रहा है कि वर्धा जिले के अपर पुलिस अधीक्षक, चार उपविभागीय पुलिस अधिकारी, 45 पुलिस अधिकारी और 1 हजार 150 पुलिसकर्मी क्या उन्हें सही मायनों में साथ देंगे।
चर्चा है कि पुलिस अधिकारी व पुलिस कर्मचारियों को शराब विक्रेता, गांजा व नशीली वस्तुएं बेचनेवालों से हफ्ता लेने की आदत पड़ गई है। कुछ महिला कर्मचारी भी अवैध अड्डों से मासिक हफ्ता लेने के लिए पहुंचती थीं। एेसी अवस्था में अगर नए एसपी नरूल हसन को पुलिस विभाग को अच्छा बनाना है तो वह कितने सफल हो पाएंगे, यह तो वक्त ही बताएगा। जिले के शहर व ग्रामीण भागों में अवैध शराब की बिक्री के अलावा गुंडागर्दी, चोरी, डकैती, छीनाझपटी, हत्या, दादागीरी, मारपीट सहित अन्य घटनाओं को रोकने की जरूरत है।
वर्धा जिले में कुछ वर्ष पहले अविनाश कुमार जिला पुलिस अधीक्षक बनकर आए थे। उनके कार्यकाल में अवैध शराब बिक्री, गुुंडागर्दी आदि पर काफी हद तक अंकुश लगा था। अब नए पुलिस अधीक्षक नरूल हसन से यही आशा की जा रही है। इसके लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय के एसी रूम से नए नरूल हसन को बाहर निकलने की जरूरत है। वर्धा शहर के कुछ छुटभैया बाहुबली जैसा बर्ताव कर रहे है। उनकी हफ्ता वसूली, पैसों की उगाही को बंद करने की जरूरत है।
बदलाव लाकर रहूंगा
नरूल हसन, जिला पुलिस अधीक्षक के मुताबिक जिले में पुलिस विभाग की जो साख गिर चुकी है। उसे वापस लाने की कोशिश करूंगा। जिले में अवैध शराब बिक्री, गुंडागर्दी कम करने का प्रयास किया जाएगा।
Created On :   29 Oct 2022 8:17 PM IST