शहरी सीमा में खुली रहेंगी शराब दुकानें,बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी परमिशन

Wine shops will remain open in urban areas : Bombay high court
शहरी सीमा में खुली रहेंगी शराब दुकानें,बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी परमिशन
शहरी सीमा में खुली रहेंगी शराब दुकानें,बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी परमिशन

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने गुरुवार को लाइसेंस धारक शराब विक्रेताओं को शहरी सीमा में दुकानें शुरू करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने साफ किया कि जिन शराब विक्रेताओं के पास वर्ष 2017 तक दुकान का लाइसेंस है, वे अपनी दुकानें खोल सकते हैं। 

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने बीते दिनों हाई-वे से 500 मीटर दूरी के अंदर की शराब दुकानें बंद करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद शहर के भी अधिकांश बार बंद हो गए थे। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने इसके बाद एक नया आदेश जारी किया था, जिसमें शहरी सीमा के भीतर शराब दुकानें शुरू करने की छूट दी गई थी। शराब बंदी से जुड़ी याचिकाओं पर नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। गुरुवार को सुनवाई में सरकारी वकील केतकी जोशी ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि इस संबंध में एक्साइज विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी पी.एन.वाघले ने उन्हें पत्र भेज कर जानकारी दी है। विभाग ने फैसला किया है कि शहरी सीमाओं में शराब दुकानें शुरू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वे एक सप्ताह में दिशा-निर्देश जारी करेंगे। इसके बाद ही पात्रता वाले शराब विक्रेताओं के लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने में महाराष्ट्र सरकार के विलंब करने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जताई। 

क्या है मामला ?
हाई-वे पर शराब बिक्री प्रतिबंधित होने के बाद शराब विक्रेताओं ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। प्रशासन ने दुकानें बंद करा देने पर उन्होंने नागपुर खंडपीठ की शरण ली थी। दलील थी कि उनकी दुकानें हाई-वे के पास नहीं, बल्कि राज्य महामार्गों पर आती हैं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन ने उन शराब दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण करने से इनकार कर दिया, जो शहर से गुजरने वाले हाई-वे से 500 मीटर के अंदर की दूरी पर हैं। शराब विक्रेताओं ने इसका विरोध किया। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर करके शराब विक्रेताओं ने दलील दी कि उनकी जहां दुकानें हैं, वह स्टेट-वे है, न कि नेशनल हाई-वे। ऐसे में उनकी दुकानों पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का असर नहीं पड़ना चाहिए। इस मामले में 5 सितंबर को सुनवाई रखी गई है।

Created On :   1 Sept 2017 11:33 AM IST

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