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उत्साह से लबरेज स्टूडेंट्स ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर बांधा समा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा… जानेमाने साहित्यकार और शायर बशीर बद्र की लिखी चंद लाइने एनएसएस स्टूडेंट के उत्साह से साफ झलक रही थीं। मौका था, उपराजधानी में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत कुंभलकर समाजकार्य सांध्याकालीन महाविद्यालय की ओर से लगाए कैंप के समापन का. जहां स्टूडेंट्स ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर खूब समा बांधा। विहिरगांव के प्राइमरी स्कूल प्रांगण में कार्यक्रम की शुरुआत में छोटे बच्चों ने स्वागत गीत पेश किया। छात्र- छात्राओं ने देशभक्ति से लबरेज कविताएं पेश की, साथ ही सोशल एक्टिविटीज के बारे में अपने अनुभव सांझा किए। मराठी नाट्य मंचन किया गया, जिसमें शराब बंदी को लेकर महिलाएं कैसे मोर्चा खोलती है, इससे जुड़ी उनकी समस्याओं को भी बाखूबी पेश किया गया।
एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर भीमराव मेश्राम के मुताबिक कैंप में श्रमदान के महत्तव को समझाया गया। अलग – अलग उदाहरणों के माध्यम से जानकारी दी गई कि यदि नौकरी नहीं मिल रही, तो भी छोटा-मोटा कम कर अच्छा खासा कमाया जा सकता है। रियाज काजी ने शिक्षा की अहमियत के बारे में लोगों को जागरुक किया, साथ ही आलोक मिश्रा ने बताया कि लघु उद्योगों के माध्यम से रोजगार के नए साधन तैयार किए जा सकते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना संचालक केशव वाड़के ने श्रामदान के तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया।
23 दिसंबर से कैंप की शुरुआत हुई। इस खास मौके पर मास कम्न्यूकेश डिपार्टमेंट के HOD मोइज मन्नान हक मौजूद थे। मोइज मन्नान हक ने स्टूडेंट्स और गांवावालों को फेक न्यूज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं। लोग किसी भी बात की जानकारी लिए बगैर सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट कर देते हैं, जिससे जुड़ी घटनाएं समाज के लिए मुसीबत बन चुकी है। वीडियो प्रोग्रामिंग और एमए जर्नलिज्म के स्टूडेंट्स ने प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया। जिससे दर्शकों को बहुत कुछ सीखने और समझने का मौका मिला।
मास कम्न्यूकेश डिपार्टमेंट के शिक्षक तजिन्दर सिंह ने कहा कि पहले हमें अपने लिए अच्छा सोचना चाहिए, यदि हम अपने लिए अच्छा सोचेंगे, तभी समाज और देश के लिए कुछ कर सकते हैं, हमें हर कार्य कॉन्फिडेंस और लगन से पूरा करना चाहिए यही हमारे आने वाले कल की यही बुनियाद है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष रूपेश मेश्राम ने 'महात्मा फुले' एवं 'ज्योतिबा फुले' को याद करते कहा कि उन्होंने लोगों के उत्थान के लिए अनेक कार्य किए। सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने की मुहिम छेड़ी। समाज को कुप्रथा, अंधश्रद्धा के जाल से मुक्त कराया। जिसके बल बूते आज समाज का बड़ा तबका शिक्षित हो सका है। नेहा ठाकुर, उमंग डोंगरे, पूर्णिमा वराड़े, सुलोचना कांबले ने अतिथियों का स्वागत किया। मीडिया से जुड़े कोमल भाकरे, समाजसेवी योगराज सिंह, बापू मानकर, ग्राम पंचायत सदस्य रविन्द्र गजभिए, संजय बोरकर मुख्यतौर से उपस्थित थे। जिन्होंने स्टूडेंट्स को सम्मानित कर हौंसला बढ़ाया।
रंगारंग कार्यक्रमों के तहत छोटे और बड़े बच्चों ने डांस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया। जिसमें अप्सरा और सतीष ग्रुप ने बाजी मारी। इसके अलावा उत्कृष्ठ कार्यों के लिए पुरुष ग्रुप में संदीप तलांडी और महिला ग्रुप में रेशमी रामटेके को उत्कृष्ठ कार्यों के लिए नवाजा गया। खास बात है कि छह साल से लेकर 15 साल तक की उम्र के बच्चों ने कॉम्पिटिशन में अच्छा परफार्म किया, जिसके लिए उन्हें सर्टिफिकेट दिए गए।
Created On :   30 Dec 2019 7:06 PM IST