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7 दिसंबर से शुरू होगा शीत सत्र, सरकार की अगवानी में खर्च हाेंगे 40 करोड़ रुपए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। 7 दिसंबर से शुरू होने जा रहे शीत सत्र के लिए प्रशासन तैयारी में लग गया है। विधानभवन व विधायक निवास को चमकाने के अलावा अन्य दुरुस्तीकार्य करने के लिए सोमवार 12 अक्टूबर से टेंडर निकलने का सिलसिला शुरू होगा। कोरोना के चलते 30 करोड़ से ज्यादा की कैंची चलने के बावजूद इस बार करीब 40 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
अनेक कामों की लंबी फेहरिस्त
कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए सरकार ने इस बार मरम्मत, दुरुस्ती कार्य व अन्य खर्चों में 50 फीसदी तक कटौती का निर्णय लिया है। विधान भवन में दुरुस्ती कार्य के अलावा, टेबल, कुर्सियां, लाइटिंग, बिछायत, पानी की व्यवस्था समेत कई तरह के मेंटेनेंस कार्य करना है। विधायक निवास की इमारत नं. 1 की इमारत की दुरुस्ती का कार्य (पिछला टेंडर) अंतिम चरण में है आैर अब जो टेंडर जारी होंगे, उसमें इमारत नं. 2 व 3 का भीतर से रंगरोगन, दुरुस्तीकार्य के अलावा गद्दे व बेड शीट की खरीदी करना है। नई बकेट व मग्गे तक खरीदने हैं। विधायक निवास में सबसे ज्यादा ध्यान बाथरुमों के मेंटेनेंस पर दिया जा रहा है। पाइप से पानी रिसने की समस्या अक्सर यहां होती है। रवि भवन, नाग भवन को भी चमकाया जाएगा।
चमक-दमक
160 खोली में वैसे तो अधिकारी-कर्मचारी ठहरते हैं, लेकिन यहां भी मेंटेनेंस का काम बाकी है। विधायक निवास के इमारत नं. 1 के कमरों से पुराने कमोड, बेसिन, ट्यूबलाइट निकाले गए हैं। हालांकि कई कमोड व बेसिन अच्छी स्थिति में हैं। ट्यूबलाइट भी अच्छी स्थिति में हो सकते हैं, लेकिन अभी कमरों में एलईडी लाइट लगाएं जाएंगे।
निखार
मुख्यमंत्री निवास रामगिरी व उपमुख्यमंत्री िनवास देवगिरी को भी चमकाना है। ये दोनों निवास हर साल चमकाए जाते हैं। टेबल, कुर्सियां, बिछायत के अलावा यहां भोजन की व्यवस्था भी लोक कर्म विभाग के जिम्मे होता है।
सस्पेंस
शीत सत्र कितने दिन चलेगा इस पर सस्पेंस बना हुआ है। सत्र दो सप्ताह चलने की खबर है, लेकिन अधिकारी मानकर चल रहे हैं कि यह सत्र एक सप्ताह से ज्यादा दिन नहीं चलेगा। अगर ऐसा हुआ तो भोजन, पानी, बिछायत, टेबल, कुर्सी व किराए से जो चीजें लाई जानी है, उसका खर्च बच सकेगा।
अंतिम सप्ताह से शुरू होगा काम
जनार्दन भानुसे, कार्यकारी अभियंता लोक कर्म विभाग के मुताबिक अभी जो काम करना है, उसके लिए सोमवार से टेंडर जारी होना शुरू होगा। विधानभवन, विधायक निवास, रवि भवन, नाग भवन, रामगिरी, देवगिरी आदि स्थानों पर दुरुस्ती, मेंटेनेंस, रंगरोगन, बिछायत आदि कार्यों पर 40 करोड़ का खर्च अनुमानित है। इस महीने के आखिरी सप्ताह से काम शुरू होकर नवंबर तक खत्म हो जाएगा।
शीत सत्र के ठीक पहले हर साल विधानभवन, विधायक निवास समेत अन्य इमारतों के रंगरोगन, दुरुस्ती व मेंटेनेंस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते है। हर साल इसकी जरूरत क्यों पड़ती है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस बार तो कोरोना के कारण बजट पर कैंची चल गई, लेकिन 40 करोड़ खर्च करना भी कम नहीं है।
Created On :   12 Oct 2020 4:17 PM IST