यूनिसेफ से ऑनलाइन प्रशिक्षण लेकर महिला समूह ने तीन महीने में तैयार किए ढ़ाई लाख मास्क 

Women group prepared two and a half lakhs masks in three months
यूनिसेफ से ऑनलाइन प्रशिक्षण लेकर महिला समूह ने तीन महीने में तैयार किए ढ़ाई लाख मास्क 
यूनिसेफ से ऑनलाइन प्रशिक्षण लेकर महिला समूह ने तीन महीने में तैयार किए ढ़ाई लाख मास्क 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सोलापुर के पंढरपुर नगर परिषद की स्वयं सहायता समूह (बचत गट) की महिलाओं को यूनिसेफ ने ऑनलाइन प्रशिक्षण देकर मास्क बनाने के गुर सिखाए हैं। इससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई- एनयूएलएम)का लाभ लेकर तीन महीने में लगभग ढाई लाख मास्क तैयार किया है। अब पंढरपुर नगर परिषद की ओर से सरकारी संस्थाओं और सोशल मीडिया के जरिए मास्क को बेचने का प्रयास किया जा रहा है। मास्क बिक्री से मिलने वाली राशि स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध कराई जाएगी। पंढरपुर नगर परिषद के डीएवाई- एनयूएलएमके इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सोशल डेवलपमेंट प्रबंधक संतोष कसबे ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में बताया कि पंढरपुर नगर परिषद की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं रोजगार के लिए अलग-अलग काम करती हैं लेकिन कोरोना संकट बढ़ने के बाद महिलाओं से मास्क बनवाने का फैसला किया गया। इसके बाद सिलाई के काम में निपूर्ण महिलाओं को चिन्हित किया गया। इसमें उन्हीं महिलाओं को शामिल किया गया जिनके पास घर में सिलाई मशीन उपलब्ध है। पंढरपुर नगरपरिषद के प्रयास से महिलाओं को यूनिसेफ के जरिए फरवरी में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। इसलिए मास्क पर एक ओर डीएवाई-एनयूएलएम और दूसरी तरफयूनिसेफ का नाम लिखा गया है।

ऑनलाइन प्रशिक्षण में महिलाओं को मास्क के लिए कपड़े की गुणवत्ता, उसके साइज, पट्टी और धागे के इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षित किया गया। चूंकि महिलाएं सिलाई का काम पहले से जानती थीं इसलिए उन्हें मास्क तैयार करने के काम को सीखने में ज्यादा कठिनाई नहीं हुई। कसबे ने कहा कि महिलाओं द्वारा तैयार किए गए प्रति मास्क की कीमत 12 रुपए रखी गई है। लेकिन पंढरपुर में मास्क खरीदने आने वाले लोगों को परिवहन खर्च का वहन खुद करना पड़ेगा। कसबे ने कहा कि हमने विधानसभा की पंढरपुर सीट पर उपचुनाव में मास्क बेचने का प्रयास किया था लेकिन मास्क पर डीएवाई-एनयूएलएम का उल्लेख होने के कारण उम्मीदवारों ने नहीं खरीदा। पर अब सोलापुर के बाद सबसे अधिक कोरोना के मरीज पंढरपुर में हैं। इसलिए हमें उम्मीद है कि मास्क की मांग लगातार बढ़ती जाएगी। कसबे ने बताया कि पंढरपुर नगर परिषद की स्वयं सहायता समूहमें शहरी गरीब महिलाओं के अलावा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की 30 प्रतिशत महिलाओं को शामिल किया जाता है। 

 

Created On :   6 May 2021 2:07 PM GMT

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