बदतर हालात - 2000 डोज इंजेक्शन चाहिए मिले सिर्फ 237, लंग्स में सुधार हो तो कैसे

Worse conditions - 2000 dose injections should be found only 237, how to improve the lame
बदतर हालात - 2000 डोज इंजेक्शन चाहिए मिले सिर्फ 237, लंग्स में सुधार हो तो कैसे
बदतर हालात - 2000 डोज इंजेक्शन चाहिए मिले सिर्फ 237, लंग्स में सुधार हो तो कैसे

दावों के बाद नहीं सुधर रही रेमडेसिविर सप्लाई की स्थिति, किसी अस्पताल को 3 तो किसी को 4 मिल 
रहे जबकि चाहिए 100 इंजेक्शन, भटक रहे लोग, मौत से जूझ रहे आदमी यहाँ से वहाँ तक भटकाव
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
छाती छलनी होने पर लंग्स के इलाज में अब तक कारगार माने जाने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन लाख दावों के बाद भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। अभी जो मरीज भर्ती हैं उसके अनुसार बीते कई दिनों से 2000 डोज इस इंजेक्शन के चाहिए, लेकिन मिल आधे से भी कम रहे हैं। कम सप्लाई में मरीज की जान बचे तो कैसे। कुछ दिन भले ही यह इंजेक्शन लगा कि पर्याप्त मात्रा में मिल जाएँगे लेकिन उसके बाद जो इसकी डिमाण्ड और सप्लाई का अनुपात बिगड़ा है तो सुधार का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे जिम्मेदार सिर्फ आने-जाने की संख्या बस गिन रहे, जरूरत कितनी है इसकी ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। बीते कुछ दिनों से इसकी डिमाण्ड जितनी है उसके अनुपात में इंजेक्शन न मिलने से परिजन यहाँ से वहाँ इसको पाने के लिए भटक रहे हैं। किसी को डोज पूरा नहीं मिल पा रहा है तो किसी को पहला डोज मिल जाए इसके लाले हैं। 
रविवार को ही निजी अस्पतालों को डिमाण्ड के अनुपात में केवल 237 इंजेक्शन दिए जा सके। अस्पताल प्रबंधनों ने अपनी डिमाण्ड बताई, मरीज ज्यादा भर्ती हैं उनको ज्यादा इंजेक्शन चाहिए पर इस समस्या का हल किसी के पास नहीं है। प्रशासन से जुड़े अधिकारी कह रहे हैं कि इसकी सप्लाई एकदम सामान्य होने वाली है, लेकिन हालात यही बता रहे हैं कि सप्लाई सामान्य होगी उससे पहले  अनेक मरीजों के फेफड़े बिना इलाज ही खराब हो चुके होंगे। 
यह तर्क किसी काम का नहीं  
तर्क यह दिया जा रहा है कि फेफड़े के इलाज में यह इंजेक्शन उतना काम का नहीं है, इसके बिना भी काम चल सकता है। इस तरह के तर्क उस परिवार को ज्यादा पीड़ा पहुँचा रहे हैं जिसका कोई अपना बिस्तर में पड़ा होकर इसके लिए तड़प रहा है। यह सभी को पता है कि कोरोना वायरस से बचाव की कोई चिन्हित दवा अभी पूरे बाजार में नहीं है, लेकिन लंग्स के डैमेज को नियंत्रित करने में रेमडेसिविर  इंजेक्शन बड़ी भूमिका अदा कर रहा है, इसलिए इसकी माँग फिलहाल ज्यादा है। 
जीवन रक्षा के लिए मिलना ही चाहिए 
लोगों का कहना है कि  मरीज को निर्धारित डोज  इंजेक्शन लगा देने से लाभ मिलता है तो उसको जीवन रक्षा के लिए यह मिलना ही चाहिए। इसकी सप्लाई न कर पाने के पीछे फिजूल के तर्क ज्यादा तकलीफ पहुँचा रहे हैं। परिजन कहते हैं कि अब तो हद है बीते 15 दिनों से इसकी सप्लाई सामान्य नहीं हो पा रही है। यह जिम्मेदारी की बड़ी नाकामी है। 

Created On :   3 May 2021 2:21 PM IST

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