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MPSC एग्जाम में गलत प्रश्न से केन्द्रों पर हंगामा, कई प्रश्न गलत होने से मचा बवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) द्वारा रविवार को गट-अ और ब के 360 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा ली गई। परीक्षा के पेपर एक में 2 गलत प्रश्न पूछने का आरोप परीक्षार्थियों नेे लगाया है। इसी तरह की शिकायतें पेपर 4 के बारे में भी की गई हैं। परीक्षार्थियों के अनुसार गूगल ट्रांसलेटर की मदद से अंग्रेजी से हिंदी में परिवर्तित प्रश्नपत्रिका में कई प्रश्न ऐसे थे, जिनका अर्थ समझ में नहीं आ रहा था। पेपर में गलत प्रश्नों के मुद्दे को लेकर रविवार को शहर के परीक्षा केंद्रों में गहमागहमी का माहौल बना रहा। परीक्षार्थियों के अनुसार इससे उनका समय और ऊर्जा व्यर्थ गई, वहीं गलत प्रश्नों के कारण उन्हें मानसिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी।
इन पदों के लिए थी परीक्षा
परीक्षा में राज्य सरकार के गट-अ और गट-ब के 360 पदों का समावेश था। इसमें उपजिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, सहायक पुलिस आयुक्त, वित्त व लेखा विभाग सहायक संचालक, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी, गट विकास अधिकारी, तहसीलदार, उपशिक्षाधिकारी, सहायक आरटीओ और कक्ष अधिकारी जैसे कई पदों के लिए परीक्षा हुई।
पहले भी सामने आ चुकी हैं गलतियां
शहर के 50 परीक्षा केंद्रों में 16 हजार 500 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। सुबह 10 से 12 और दोपहर 3 से 5 बजे के सत्र में यह परीक्षा आयोजित की गई थी। रविवार को जिस प्रकार की शिकायतें सामने आईं, यह पहली बार नहीं है। पिछले वर्ष की एमपीएससी परीक्षा में भी इसी प्रकार की गलतियां सामने आई थीं। प्रश्न रद्द होने के बाद परीक्षार्थियों को इसके बोनस अंक भी नहीं दिए जाते हैं। वर्ष 2016 में 7 प्रश्न, वर्ष 2017 की परीक्षा में 5 प्रश्न और वर्ष 2018 की परीक्षा में 2 प्रश्न गलत पूछे जाने की जानकारी भी विशेषज्ञों ने दी है।
शिक्षकों की समस्या सुलझाने एकजुट हो संगठन : डायगव्हाणे
शिक्षा क्षेत्र व शिक्षकों के हिताें के लिए सभी शिक्षक संगठनों ने एकजुट होने का प्रतिपादन महाराष्ट्र राज्य माध्य. शिक्षक महामंडल के अध्यक्ष व पूर्व विधायक वी.यू. डायगव्हाणे ने किया। नागपुर जिला विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ का जिलास्तरीय अधिवेशन हिंगना स्थित नेहरू विद्यालय में हुआ। अधिवेशन का उद्घाटन पूर्वमंत्री रमेशचंद्र बंग के हाथों हुआ। सुरेश वसू, कवि प्रा. वाकुडकर, दत्तात्रय मिर्जापुरे, लक्ष्मण राठोड़, सुधाकर अड़वाले, अशोक गव्हाणकर, आनंदराव कारेमोरे, रमेश काकड़े, अविनाश बड़े, विट्ठलराव जुनघरे सहित 300 से अधिक शिक्षिकाएं व शिक्षक उपस्थित थे। प्रस्तावना जिलाध्यक्ष अनिल गोतमारे ने रखी। इस दौरान 7वां वेतन आयोग, शिक्षकों की समस्या व मांग, संगठन के कार्य जैसे कई विषयों पर चर्चा भी की गई। संचालन दत्तराज उमाले ने किया। सफलतार्थ संजय वांगे, अमोल हिरडकर, पुरुषोत्तम ढगे, विष्णु राणे, गोपाल फलके, दिनेश ढगे, विशाखा ठमके, नंदा कुंभलकर, विशाल बंड आदि ने प्रयास किया।
Created On :   18 Feb 2019 2:14 PM IST