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लापरवाही पुलिस विभाग की है, तो रिटायर PSI से वसूली नहीं कर सकते : हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने जन्म तारीख में बदलाव के चलते एक साल अधिक पुलिस की नौकरी करनेवाले पुलिसकर्मी से वेतन वसूली की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार के प्रशासकीय विभाग ने पुलिसकर्मी की जन्म तारीख में बदलाव किया है। ऐसे में हम सरकार को सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी को दिए गए वेतन की वसूली करने की इजाजत नहीं दे सकते है।
राज्य सरकार की याचिका को खारिज
कार्यवाहक मुख्य जस्टिस वीके ताहिलरमानी और जस्टिस एमएस कर्णिक की बेंच ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज करते हुए महाराष्ट्र प्रशासकीय ट्रिब्यूनल (मैट) के आदेश को कायम रखा। इससे पहले मैट ने पुलिस कर्मी केपी कुलकर्णी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की थी। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि कुलकर्णी जब पुलिस सेवा में शामिल हुए थे तो उन्होंने सर्विस बुक में अपनी जन्मतारीख 28 जून 1955 लिखी थी। जिसे बाद में उन्होंने बदलकर 28 जून 1956 कर दिया। जिससे उन्होंने एक साल अवैध तरीके से अतिरिक्त नौकरी की। उन्होंने कहा कि स्कूल लिविंग सर्टीफिकेट व दूसरे रिकार्ड कुलकर्णी की जन्मतारीख 28 जून 1955 बताते हैं।
पांच साल के भीतर बदल सकती है जन्मतिथि
नियमानुसार सेवा में शामिल होने के पांच साल के भीतर जन्म तारीख में बदलाव किया जा सकता है। लेकिन कुलकर्णी ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध तरीके से जन्म तारीख में बदलाव कराया है। इसलिए बदली हुई जन्म तारीख को न माना जाए। इन दलीलों को अस्वीकार करते हुए बेंच ने कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारियों ने ही पुलिसकर्मी की जन्म तारीख में बदलाव किया है। जिसके हिसाब से पुलिसकर्मी ने नौकरी की है और वह 2014 में सेवानिवृत्त हुआ है। वैसे उसे 2013 में सेवानिवृत्त होना चाहिए था। बेंच ने कहा कि यह प्रशासनिक गलती है। जिसके लिए हम सरकार को पुलिसकर्मी से वेतन वूसलने की इजाजत नहीं दे सकते। बेंच ने मामले को लेकर मैट के आदेश को कायम रखते हुए सरकार की याचिका को खारिज कर दिया।
Created On :   4 Jan 2018 6:42 PM GMT