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बाबासाहब का नाम लेते हो और दिल्ली में संविधान जलाते हो - गजभिए
डिजिटल डेस्क, नागपुर । राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राकांपा विधायक प्रकाश गजभिये ने भाजपा पर तीखा प्रहार किया। विधानपरिषद में चर्चा को आगे बढ़ाते हुए प्रकाश गजभिये ने कहा कि आप डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का नाम लेते हो और दिल्ली में संविधान जलाते हो। 25 साल मैं नागपुर का पार्षद रहा, लेकिन अभी तक बाबासाहब का स्मारक नहीं बना है। दीक्षाभूमि के लिए 40 करोड़ देने की घोषणा की गई, लेकिन चार पैसे अब तक नहीं मिले। यह कहते ही भाजपा सदस्य आक्रामक हो गए और दिल्ली में संविधान जलाने के बयान को सभापति से रिकार्ड से हटाने की मांग की। हालांकि गजभिये ने अपना भाषण जारी रखा।
एक भी प्रकल्प पूरा नहीं किया
उन्होंने कहा कि राज्य में एक भी प्रकल्प पिछली सरकार ने पूरा नहीं किया। डिजिटल सरकार और गरीब किसान में दूरी निर्माण हुई। राज्य में दोबारा सरकार नहीं आएगी, यह कहकर विखे जैसा विरोधी पक्षनेता ले गए। अनेक समाज को दबाने का काम किया। मराठा, धनगर, ओबीसी जैसे अनेक समाज को नुकसान हुआ। फडणवीस सरकार को निशाने पर लेते हुए गजभिये ने कहा कि अनेक बैंक बंद करने का पाप पूर्व सरकार ने किया। ऐसी परिस्थिति निर्माण कर दी कि किसान पैसे निकाल नहीं पा रहा है। राज्य में आर्थिक स्थिति ठीक होने के बावजूद हजारों करोड़ का कर्ज का बोझ लाद दिया। राज्य दिवालिया कर हमारे हाथ दिया है। राज्य पर 7 लाख करोड़ का कर्ज है यानी प्रत्येक नागरिक पर 50 हजार रुपए का कर्ज। गजभिये ने कहा कि सिर्फ नाम बदलकर योजनाएं आगे ले गए।
किसानों को नहीं मिला न्याय
किसानों के कृषि माल को अच्छा भाव दिलाने के लिए अनेक आंकड़े दिए गए, लेकिन किसानों को न्याय नहीं मिल पाया। पिछले सरकार ने एक भी प्रकल्प ऐसा नहीं बनाया, जिससे बलिराजा को दिलासा मिल सके। पांच साल में क्या किया, इसका जवाब दें।
पिछली सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए 33 करोड़ पौधारोपण लगाने का ठेका दिया था, लेकिन यह पौधे कहां गए कोई पता नहीं। मिहान जैसा प्रकल्प राज्य में नहीं आ सका, लेकिन नई सरकार राज्य को आगे ले जाएगी।
सावरकर हमसे ज्यादा शिवसेना को प्रिय : गिरकर
अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता भाई गिरकर ने कहा कि वीर सावरकर हमसे ज्यादा शिवसेना को प्रिय हंै। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि बाबासाहब की बात करने वाली कांग्रेस ने डॉ. आंबेडकर को मुंबई और भंडारा से हराया था। जीवित रहते हुए उनका अपमान किया और महापरिनिर्वाण के बाद भी अपमानित करने का काम कर रही है। कई वर्षों तक उन्हें भारतरत्न नहीं दिया। शुक्र है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह ने बाबासाहब को भारतरत्न देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि सरकार में कम से कम 12 और ज्यादा से ज्यादा 43 मंत्री होने चाहिए, लेकिन सरकार में सिर्फ 7 मंत्री है।
Created On :   20 Dec 2019 3:30 PM IST