पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पांच पुलिसकर्मी निलंबित
इस मामले में पांच पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है साथ ही मामले कि जांच अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पूर्व राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह, विधायक अबू आजमी, कांग्रेस के नेता नसीम खान व संजय निरुपम भी पुलिस स्टेशन पहुंचे। सायन में रहने वाले सिंह एक फार्मास्यूटिकल कंपनी में मेडिकल रिप्रजेंटेटिव के रुप में काम करते थे। रविवार रात लक्ष्मीपूजा के बाद सिंह अपने दो चचेरे भाइयों के साथ मोटर साइकल से घूमने के लिए निकले थे। इसी दौरान उनके मोटर साइकल की लाइट पास ही बैठे प्रेमी जोड़े के चेहरे पर पड़ गई। इसके बाद प्रेमी जोड़े का सिंह और उनके भाइयों से विवाद हो गया। विवाद के बाद जोड़े ने फोन कर दो और लोगों को बुलाया जिन्होंने सिंह और उनके भाइयों से मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची तो युवती ने सिंह और उनके भाइयों पर छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया।
इन पुलिस वालों पर गिरी गाज
वडाला टीटी पुलिस स्टेशन में हिरासत में मौत के मामले में पांच पुलिस वालों पर गाज गिरी है। मामले में पुलिस उप निरीक्षक संदीप कदम, सहायक पुलिस निरीक्षक सलीम खान के साथ पुलिस हवलदार भाबल, पुलिस नाइक चौरे और पुलिस सिपाही चोले को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हिरासत में लिए गए शख्स के मामले में मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का पालन किया गया है या नहीं इसकी जांच की जा रही है। साथ ही जेजे अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है।
फिर सामने आया पुलिस का अमानवीय चेहरा
पुलिस वाले सिंह और उनके भाइयों को पुलिस स्टेशन ले गए और उन्हें लॉक अप में बंद कर बुरी तरह मारपीट करने लगे। पुलिस स्टेशन में सिंह के साथ मौजूद उनके दोस्त अंकित मिश्रा के मुताबिक पुलिस वालों ने सिंह को बुरी तरह मारा पीटा। उसने पीने के लिए पानी मांगा तो उसे पानी भी नहीं देने दिया। इसके बाद सिंह ने सीने में तेज दर्द की शिकायत करते हुए अस्पताल ले जाने को कहा तो पुलिस वालों ने पहले तो इसे पुलिस से बचने के लिए किया गया नाटक करार दिया। युवक जब बेहोश हो गया तो पुलिसवालों ने पुलिस स्टेशन के बाहर इंतजार कर रहे सिंह के परिवार वालों से कहा कि उनकी गाड़ी में तेल नहीं है इसलिए विजय को अपनी गाड़ी बुक कर अस्पताल ले जाएं। लेकिन अस्पताल ले जाने से पहले ही सिंह ने दम तोड़ दिया। इस तरह एक युवक के पुलिस हिरासत में मारे जाने से नाराज सिंह के परिजनों और हजारों स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।