यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम : विट्ठल-विट्ठल विट्ठला हरिओम विट्ठला भजन से गूंजा सेंट उर्सुला

Youth Exchange Program Vitthal Hariom Vittala Bhajan by St Ursula
यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम : विट्ठल-विट्ठल विट्ठला हरिओम विट्ठला भजन से गूंजा सेंट उर्सुला
यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम : विट्ठल-विट्ठल विट्ठला हरिओम विट्ठला भजन से गूंजा सेंट उर्सुला

डिजिटल डेस्क,नागपुर। विट्ठल-विट्ठल विट्ठला हरिओम विट्ठला" भजन से सेंट उर्सुला का परिसर गूंज उठा। विदेशी बच्चों ने सभी को नमस्ते कहकर  अभिवादन किया। प्रैक्टिस के दौरान स्टूडेंट्स ने अपने सिर पर तुलसी वृदांवन रखा और फिर भजन गाया।  फिर फिल्मी गाने पर डांस करते नजर आए। अंत में सभी ने वंदे मातरम् पर डांस कर भारत माता के जय के नारे लगाए।  भारतीय संस्कृति को विदेश तक पहंुचाने के उद्देश्य से यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के आयोजन की फाइनल प्रैक्टिस सेंट उर्सुला स्कूल में की गई। इसमें इस वर्ष जर्मनी, फ्रांस, इटली, ताइवान, यूएसए, स्पेन, ब्राजील से स्टूडेंट्स आए हैं। शिर्डी  में 10 से 12 जनवरी तक हाेने वाली डिस्ट्रिक्ट कांफ्रेंस में स्टूडेंट्स हिस्सा लेने वाले हैं। कल्चरर इवेंट के दौरान सभी ने जमकर ठुमके लगाए। यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम का समय लगभग 10 महीने का होता है, जिसमें स्टूडेंट्स को 3 महीने बाद फैमिली बदलनी पड़ती है, ताकि वे दूसरे कल्चर में रहकर वहां की जानकारी ले सकें। 

भारतीय संस्कृति को दुनिया में पहुंचाना
कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की संस्कृति को दुनिया के हर कोने तक पहंुचाना है। यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में विदेश से 10 माह  के लिए स्टूडेंट्स आते हैं, जो शहर के विभिन्न परिवारों के साथ रहते हैं। यहां रहकर वे हमारे देश की संस्कृति सीखते हैं। साथ ही उन्हें बहुत सारे नए अनुभव भी मिलते हैं।  इस पीरियड में उन्हें 4000 रुपए दिए जाते हैं, जिसमें 2000 रुपए उनकी पॉकेट मनी होती है और 2000 रुपए उनकी हॉबी क्लासेस के लिए भी होती हैं। यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में 15 से 18 तक स्टूडेट्स होते हैं। उनके लिए पढ़ाई कंपलसरी होती है, जिसमें वे एक वर्ष यहां रहकर अपनी पढ़ाई भी करते हैं।

होता है पुलिस वेरिफिकेशन
स्टूडेंट्स के यहां आने के पहले उनका पुलिस वेरिफिकेशन भी किया जाता है, ताकि कोई समस्या न हो। साथ ही उनके लिए डेट, ड्रिंक और ड्राइविंग पूरी तरह वर्जित होते हैं। अगर उन्हें स्कूल या कॉलेज जाना हो, तो वे साइकिल से ही जाते हैं। एक वर्ष में वे हमारे देश का कल्चर और त्योहारों से रूबरू होते हैं। स्टूडेंट्स भारतीय व्यंजनों को बहुत पसंद करते हैं। साथ ही समोसा, पानी-पुरी आदि खाना भी उन्हें पसंद होता है। वे जिन घरों में रहते हैं, वहां पर रहकर कुकिंग और घर के कामों में भी रुचि दिखाते हैं। 

शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य
यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में  स्टूडेंट्स को हिपहॉप या विदेशी डांस सीखने की अनुमति नहीं होती है। वे शास्त्रीय गायन, वादन या नृत्य ही सीख सकते हैं। सभी के लिए शास्त्रीय संगीत अनिवार्य होता है। यानी वे हिपहॉप या दूसरे किसी फील्ड का चुनाव नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही समाज में होने वाले अवेयरनेस प्रोग्राम्स में भी हिस्सा लेते हैं।

Created On :   9 Jan 2020 2:14 PM IST

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