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युवाओं ने सोशल मीडिया को बनाया मदद का जरिया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर का क्लॉथ बॉक्स फाउंडेशन इन दिनों अपने अलग अंदाज के लिए चर्चा में है। आपके घरों में पड़े कपड़ों को जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम इस फाउंडेशन ने उठाया है। शहर के युवक यश दस्तूर व उनके साथी क्लॉथ बॉक्स फांउडेशन आर्गनाइजेशन के तहत जरूरतमंदों को कपड़े बांटते हैं। इसके तहत सबसे पहले वे शहरवासियों से पुराने कपड़े लेते हैं और फिर उन्हें उम्र के हिसाब से अलग-अलग करते हैं। फिर कपड़ों को लांड्री में साफ करवाने के बाद उन्हें जरूरतमंदों को देते हैं।
यश दस्तूर बताते हैं कि इंसान की तीन मूलभूत जरूरतें होती हैं-रोटी, कपड़ा और मकान। रोटी और मकान तो लोगों तक नहीं पहुंचा सकते, लेकिन कपड़े आम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है। ख्याल आते ही दोस्तों और रिश्तेदारों के कपड़ों को इक्कठे करने लगे। धीरे-धीरे लोग जुड़ते चले गए और कारवां बढ़ता गया। अब तक 4 हजार जरूरतमंदों को कपड़े बांट चुके हैं। यश दस्तूर के साथ इस अनूठी पहल में योगदान दे रहे हैं सौम्या तिवारी, संकेत वानखेड़े, दर्शन धवाना, हर्षल खापेकर, विश्वजीत शाह और अंकिता ठाकुर।
कुछ अलग करने की जिद
यश का कहना है कि, एक NGO को दान देने वाले और उसे पाने वाले के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभानी होती है, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा देखने को नहीं मिलता। हमने सोचा कि लोगों को ये पता होना चाहिए कि उनका दिया दान कहां और कौन इस्तेमाल कर रहा है। इसलिए हमने कुछ अलग प्लान बनाया। हम लोग जिस व्यक्ति को कपड़े देते हैं उसे कपड़े पहनाकर उसका फोटो खींच लेते हैं और उसकी फोटो को सोशल मीडिया पर डाल देते हैं। साथ ही उस व्यक्ति का नाम भी टैग कर देते हैं। कोई भी व्यक्ति फेसबुक में मैसेज डालकर ये बता सकता है कि उसे अपने कपड़े दान देने हैं। हमारे वालंटियर उस व्यक्ति से संपर्क करते हैं।
मेट्रो शहर के वर्कर्स को भी कपड़े बांटने की योजना
भविष्य की योजनाओं के बारे में उनका कहना है कि जल्द ही वर्धा रोड स्थित एक स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को कपड़े बांटने की योजना है। मेट्रो शहर में काम कर रहे वर्कर्स को भी कपड़े बांटने की योजना पर हम काम कर रहे हैं।
Created On :   4 Sept 2017 5:51 PM IST