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युग चांडक हत्याकांड : सर्वोच्च न्यायालय ने सुरक्षित रखा फैसला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बहुचर्चित 8 वर्षीय बालक युग चांडक हत्याकांड में देश की सर्वोच्च अदालत में हाल ही में सुनवाई पूरी हुई। न्या. यू.यू. ललित, न्या. इंदु मल्होत्रा और न्या. हेमंत गुप्ता की बेंच ने इस प्रकरण में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। बता दें कि, दोनों आरोपी अरविंद सिंह और राजेश दवारे ने नागपुर सत्र न्यायालय द्वारा उन्हें दी गई दोहरी फांसी की सजा को चुनौती दी है। आरोपियों की दलील है कि, इस मामले में पुलिस की जांच में कई खामियां हैं और उन दोनों को फांसी हो, ऐसा यह प्रकरण नहीं था। इसके विरोध में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि, दोनों आरोपियों ने निर्मम तरीके से एक 8 वर्षीय बालक की हत्या की है। उनके लिए फांसी की सजा ही सही है। अब इस प्रकरण मंे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार है। अदालत में फरियादी डॉ. मुकेश चांडक की ओर से एड. राजेंद्र डागा और एड. राहिल मिर्जा ने पक्ष रखा। शहर के लकड़गंज गुरुवंदना सोसायटी से 1 सितंबर 2014 को युग चांडक का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में राजेश धनालाल दवारे (20) और अरविंद सिंह (24) अपराधी हैं। उल्लेखनीय है कि, नागपुर सत्र न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देकर दोहरी फांसी की सजा सुनाई है। नागपुर खंडपीठ ने भी इस फैसले को कायम रखा है। दोनों आरोपियों ने प्राणों के बचाव के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
Created On :   22 Feb 2020 5:46 PM IST