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छिंदवाड़ा की मिट्टी से कम हो रहा जिंक-सल्फेट

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मिट्टी परीक्षण कार्यालय में आई रिपोर्ट के अनुसार जिले की मिट्टी से लगातार जरुरी पोषक तत्व कम हो रहे है। विभाग किसानों द्वारा इसे बे-हिसाब उर्वरकों का उपयोग करने का नतीजा मान रहे है।
मिट्टी की जांच करने पर पाया गया कि मिट्टी में जिंक और सल्फर की कमी हो रही है। इसके कारण इसका सीधा असर फसल पर पड़ रहा है। मिट्टी परीक्षण कार्यालय ने इस वर्ष जिंक के लिए कुल 30 हजार से ज्यादा मिट्टी के नमूनों का परीक्षण किया था। इनमें 9 हजार नमूनों में जिंक की कमी आई। इसी प्रकार सल्फर के 25 हजार नमूनों में से 11 हजार में कमी पाई गई। यानि मिट्टी से तकरीबन 43.5 प्रतिशत जरुरी पोषक तत्व सल्फर की कमी है।
ये पड़ रहा असर
सल्फर
यह आता काम- तिलहनी फसलों में तेल प्रतिशत बढ़ाता है। पौधों के डंठल के लिए जरुरी।
कमी के लक्षण- नई पत्तियां पीली होकर सफेद पड़ जाती है। तने छोटे व पीले होने लगते है। इसके अलावा मसाला फसल जैसे अदरक और लहसुन को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
जिंक
यह आता काम- ऑक्सीजन बनाने में आवश्यक प्रोटीन संश्लेषण में सहायक, क्लोरोफिल निर्माण में उत्प्रेरक का कार्य, मृदा में पौधों द्वारा शोषण को बढ़ाता है।
कमी के लक्षण- पत्तियों की भीतरीधारियां सफेद होकर पत्ते झुलस जाते है। पौधों की बढ़वार रूक जाती है। जिंक की कमी से अनाज की फसलें प्रभावित होती है।
मिट्टी परीक्षण में जिला अव्वल
किसानों के मिट्टी परीक्षण कराने के आंकड़े में जिला नंबर वन है। दाे साल में कुल 93 हजार 592 मिट्टी के नमूने लिए गए, जिनमें से अब तक 87 हजार की जांच हो चुकी है। मिट्टी में कुल 16 पोषक तत्वों की जांच होती है। इस कार्ड में 12 बिन्दुओं में मिट्टी की जांच कर इसका रिकार्ड रखा जाता है।
Created On :   9 July 2017 11:47 PM IST