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सरकार से मिलने तरसते रह गए जिप सत्तापक्ष-विपक्ष
डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार का पहला अधिवेशन नागपुर में चल रहा है। शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन है। अधिवेशन की शुरुआत के पहले ही दिन 19 दिसंबर को जिप अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री और महिला व बाल कल्याण मंत्री कार्यालय को पत्र देकर सत्तापक्ष-विपक्ष के सदस्यों से ग्रामीण समस्या पर चर्चा के लिए समय देने का अनुरोध किया। सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिलने पर और दो पत्र दिए, लेकिन समय नहीं दिया। सरकार शहर में रहकर भी जिला परिषद सत्तापक्ष-विपक्ष मिलने के लिए तरसते रहने की भावना अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे ने पत्र परिषद में व्यक्त की। जिला परिषद में कांग्रेस की सत्ता है, इसलिए जानबूझकर टालने की उपाध्यक्ष कुंदा राऊत ने टिप्पणी की।
आज मिलने की आस
अध्यक्ष ने कहा कि, बकाया निधि के लिए ग्राम विकास विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ लगातार पत्राचार करने पर भी निधि नहीं मिली। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री शहर में है। उनके कान पर बात डालने के लिए मिलने का समय मांगा। अभी तक सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिला। शुक्रवार अधिवेशन का अंतिम दिन है। हम आशावादी हैं। शहर छोड़ने से पहले मुलाकात होने की आस लगाए हैं। पत्र परिषद में उपाध्यक्ष कुंदा राऊत, महिला व बाल कल्याण सभापति अवंतिका लेकुरवाले, वित्त व शिक्षण सभापति राजू कुसुंबे, समाज कल्याण सभापति मिलिंद सुटे, कृषि व दुग्ध विकास सभापति बालू जोध उपस्थित थे।
सरकार के पाले में फंसी गेंद : सरकार ने विकासकार्यों पर रोक लगा दी। निधि भुगतान भी नहीं किया गया, लिहाजा ग्रामीण क्षेत्र में विकास ठप है। स्कूल इमारत निर्माण व दुरुस्ती, प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र इमारत निर्माण व दुरुस्ती, अतिवृष्टि के कारण खराब हुए पांधन रास्ते, सड़काें का मजबूतीकरण व दुरुस्ती, पुलों के निर्माणकार्य, ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले जनसुविधा व नागरी सुविधा के विकासकार्यों को ब्रेक लगा हुआ है। ग्रामीण जनता विकासकार्यों को लेकर सवाल कर रही है। सरकार के पाले में गेंद फंस जाने से जिला परिषद कुछ भी करने में समर्थ नहीं है।
Created On :   30 Dec 2022 7:38 PM IST