Panna News: दीपावली पर ग्रीन पटाखों के उपयोग संबंधी दिशा निर्देश जारी, अपर जिला मजिस्ट्रेट ने सभी नागरिकों से पालन सुनिश्चित करने की अपील

दीपावली पर ग्रीन पटाखों के उपयोग संबंधी दिशा निर्देश जारी, अपर जिला मजिस्ट्रेट ने सभी नागरिकों से पालन सुनिश्चित करने की अपील

Panna News: अपर जिला मजिस्ट्रेट मधुवंतराव धुर्वे ने जानकारी देकर बताया कि दीपावली पर्व के दौरान पटाखों के निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं विस्फोटन के संबंध में शासन द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जिसका पालन सभी के लिए अनिवार्य होगा। इस संबंध में समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, तहसीलदार एवं नगरीय निकायों के सीएमओ को भी आवश्यक कार्यवाही के संबंध में निर्देशित किया गया है। दीपावली पर्व के समय रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखों का उपयोग केवल उन शहरों में किया जा सकेगा, जहां नवम्बर 2021 की स्थिति में वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम अथवा उससे कम श्रेणी का था। जिन शहरों में नवम्बर 2021 के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब अथवा अत्यंत खराब श्रेणी का था, वहां पटाखों पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। पटाखों का विस्फोटन संवेदनशील क्षेत्रों जैसे अस्पताल, नर्सिंग होम, स्वास्थ्य केंद्र, शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थल आदि से 100 मीटर की दूरी तक प्रतिबंधित रहेगा। ग्रीन पटाखों के लिए पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन तथा राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान द्वारा स्वीकृत वर्गीकरण किया जाता है।

ऐसे पटाखों की पैकिंग पर विशेष लोगो अंकित रहता है, जिसे स्कैन करने पर पंजीकृत निर्माता का विवरण प्राप्त किया जा सकता है। पंजीकृत निर्माताओं की सूची एनईईआरआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है। बताया गया है कि ग्रीन पटाखों की श्रेणी में फुलझड़ी, अनार और मून (मेरून) जैसे पटाखे सम्मिलित हैं। पटाखों में बेरियम सॉल्ट एवं अन्य विषैले रसायनों का उपयोग प्रतिबंधित है। इसके साथ ही जुड़ी हुई पटाखों की लडिय़ों का निर्माण, उपयोग, विक्रय, वितरण एवं विस्फोटन भी पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। पटाखों की तीव्रता विस्फोटन स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 125 डेसीबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पटाखों की ऑनलाइन बिक्री जैसे अमेजॉन, फ्लिपकार्ट आदि के माध्यम से भी प्रतिबंधित है।

निर्धारित मानकों के अनुरूप ध्वनि स्तर वाले पटाखों के निर्माण एवं विक्रय की जांच हेतु नमूने एकत्र कर उनका विश्लेषण पीईएसओ अथवा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशालाओं में कराया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (सेंट्रल जोन, भोपाल) के आदेशानुसार केन्द्रीय एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दीपावली से 7 दिन पूर्व और दीपावली के 7 दिन पश्चात कुल 14 दिनों तक परिवेशीय वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी। इस अवधि में नियमित पैरामीटरों के साथ एल्यूमिनियम, बेरियम, आयरन आदि प्रदूषकों का भी विश्लेषण किया जाएगा। इस संबंध में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सभी प्रयोगशालाओं को आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं। पटाखों के जलने के उपरांत बचने वाले कागज के टुकड़ों और अधजली बारूद के संपर्क में आने से पशुओं और बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना रहती है। अत: ऐसे अवशेषों को किसी भी जल स्त्रोत या पेयजल स्रोत के समीप नहीं फेंका जाए। यह कचरा पृथक रूप से एकत्र कर नगरीय निकायों के कर्मचारियों को सौंपा जाए। स्थानीय निकाय इस कचरे के पृथक संग्रहण और उचित निपटान की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

Created On :   19 Oct 2025 1:30 PM IST

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