पन्ना: एनएमडीसी की कालोनी में बंदरों का जमा डेरा

एनएमडीसी की कालोनी में बंदरों का जमा डेरा

डिजिटल डेस्क, पन्ना। एशिया महाद्वीप की इकलौती मैकेनाइज्ड हीरा खदान जो कि पन्ना के मझगवां में स्थित है यह हीरा खदान लगभग तीन साल से बंद पडी है। खदान संचालन के लिए जरूरी पर्यावरणीय अनुमति न मिल पाने के चलते यह प्रसिद्ध हीरा खदान ०1 जनवरी 2021 से उत्खनन कार्य बंद है। जिससे यहां की रौनक भी गायब सी हो गई है चहल-पहल कम होने से अब वन्य प्राणी बंदरों ने कब्जा जमा लिया है। उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 20 किलोमीटर दूर बेशकीमती हीरे निकालने वाली यह खदान स्थित है। मझगवां हीरा खदान में वर्ष 1968 से लेकर 2020 तक लगभग 13 लाख कैरेट हीरों का उत्पादन किया जा चुका है। बताया जाता है कि इस खदान में अभी भी 8.5 लाख कैरेट हीरे यहां जमीन में दबे हैं लेकिन खदान संचालन की अवधि दिसंबर 2020 में खत्म होने व आगे इसके संचालन के लिए आवश्यक अनुमति न मिलने के चलते बेशकीमती हीरा खदान बंद है। परियोजना बंद हो जाने के उपरांत यहां काम करने वाले अधिकांश कर्मचारियों का स्थानांतरण एनएमडीसी की दूसरी परियोजनाओं में हो गया है। जिसके चलते एनएमडीसी कॉलोनी जिसे टाउनशिप के नाम से भी जाना जाता है वहां बने कर्मचारी के आवासों में ताला लटक रहे हैं। कर्मचारियों की गैर मौजूदगी से यह कॉलोनी जहां बेरौनक होने लगी हैए वहीं लंबे समय से खाली पड़े घरों में बंदरों का कब्जा हो गया है। यहां संचालित होने वाले डीएवी स्कूल के प्ले ग्राउंड का नजारा इन दोनों देखते ही बनता है। यहां के प्ले ग्राउंड में सैकड़ो की संख्या में बंदर उछलते कूदते हर समय नजर आते हैं। आलम यह है कि इस इलाके में चलने वाली दुकानों के संचालक भी इन बंदरों से खासा परेशान हैं।

Created On :   16 Dec 2023 12:48 PM IST

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