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Panna News: प्राकृतिक व खनिज संपदा की हो रही लूट, रेल्वे निर्माण कार्य का सहारा लेकर किया जा रहा अवैध उत्खनन

- प्राकृतिक व खनिज संपदा की हो रही लूट
- रेल्वे निर्माण कार्य का सहारा लेकर किया जा रहा अवैध उत्खनन
Panna News: पन्ना के लोगों के लिए रेल्वे लाईन पर ट्रेन को चलते देखने के लिए लगातार इंतजार करना पड रहा है। जिले में वर्षों से प्रतीक्षित रेलवे लाइन परियोजना का कार्य इन दिनों तेजी पर है। जनता के लिए यह विकास का प्रतीक है लेकिन इसके पीछे एक हकीकत भी छिपी हुई है। देवेन्द्रनगर क्षेत्र में रेलवे निर्माण के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है। मिट्टी और मुरम की आपूर्ति के लिए न तो खनिज विभाग से अनुमति ली गई है और न ही किसी प्रकार की वैध लीज, फिर भी खेत, डेम, तालाब और सरकारी भूमि को खुलेआम खोदा जा रहा है। ताजा मामला देवेन्द्रनगर के समीप फुलवारी गांव का है। जहां मुख्य हाईवे से लगे खेतों और तालाबों में जेसीबी व डंपर मशीनों द्वारा बडे पैमाने पर मिट्टी निकाली जा रही है। जब स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि यह खुदाई रेलवे निर्माण के लिए मिट्टी-मुरम की आपूर्ति हेतु की जा रही है। हालांकि जब जमीन की स्थिति देखी गई तो स्पष्ट हो गया कि यहां कोई वैध खनन अनुमति नहीं ली गई है। जमीन पर न तो खनिज विभाग की मुहर है और न ही कोई सीमांकन। सीधे तौर पर यह अवैध खनन है जो ठेकेदारों की मिलीभगत से किया जा रहा है।
रेलवे ने निर्माण सामग्री की आपूर्ति के लिए जिन ठेकेदारों को जिम्मेदारी सौंपी थी उन्होंने यह कार्य स्थानीय प्रभावशाली लोगों को सौंप दिया है। इसके बाद यह कार्य पूरी तरह से बिना निगरानी, बिना कागजी प्रक्रिया और मनमानी तरीके से किया जा रहा है। नतीजन कोई नहीं जानता कि कहां से कितनी मिट्टी निकाली गई और किस जमीन पर खुदाई हुई। इन घटनाओं के सामने आने के बाद सबसे बडा सवाल यह उठता है कि खनिज विभाग क्या कर रहा है। रेलवे प्रशासन ने आपूर्ति की निगरानी क्यों नहीं की लेकिन इन सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है। बताया जाता है कि मध्य प्रदेश खनिज नियमों के तहत किसी भी भूमि पर मिट्टी, मुरम, रेत अथवा अन्य खनिजों का उत्खनन बिना वैध अनुमति के दंडनीय अपराध है। इसके लिए जुर्माने के साथ जेल की सजा भी हो सकती है। लेकिन इस मामले में न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही जप्ती की कार्यवाही। देवेन्द्रनगर, फुलवारी, भिलसांय व आसपास के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि रेलवे निर्माण की आड में हो रहे अवैध खनन की निष्पक्ष जांच हो। सभी खनन स्थलों का सीमांकन और मूल्यांकन कराया जाए। जिन लोगों ने बिना अनुमति मिट्टी निकाली उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो।
देवेन्द्रनगर डेम पर भी खतरा
अवैध खनन की आड अब देवेन्द्रनगर डेम जो पूरे क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी जल स्त्रोत है वहां तक पहुंच गई है। यहां से भी बडी मात्रा में मिट्टी निकाली गई है। जब प्रशासन को इसकी जानकारी लगी तो खनन रोक दिया गया लेकिन तब तक कई ट्रक मिट्टी पहले ही निकाली जा चुकी थी। डेम की संरचना से छेडछाड करना न केवल गैरकानूनी है बल्कि यह भविष्य में गंभीर जल संकट को जन्म दे सकता है। यदि वर्षा के समय डेम की भराव क्षमता प्रभावित हुई तो सैकडों ग्रामीणों की प्यास बुझाने वाला यह डेम सूख सकता है। स्थानीय लोगों ने डेम के नुकसान की तकनीकी जांच कराने व जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग की है। क्योंकि यह डेम क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
इनका कहना है
हमें कुछ क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायत मिली थी। फुलवारी के पास जहां हाइवे पर उत्खनन किया गया है वहां हमने 4 डम्फर और एक एलएनटी मशीन को जप्त किया है इसके अलावा सबंधित उत्खननकारियों के विरूद्ध 7 करोड के करीब का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। क्षेत्र में अन्य स्थानों पर हो रहे अवैध खनन की भी जांच की जायेगी।
रवि कुमार पटेल
उप संचालक, खनिज विभाग पन्ना
Created On :   14 May 2025 2:58 PM IST