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Panna News: छत्रशाल महाविद्यालय में आयोजित हुआ वसुधैव कुटुंबकम पर कार्यक्रम

- छत्रशाल महाविद्यालय में आयोजित हुआ
- वसुधैव कुटुंबकम पर कार्यक्रम
Panna News: शासकीय छत्रशाल महाविद्यालय में वसुधैव कुटुंबकम अवधारणा पर कार्यक्रम का आयोजन भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ. एस.डी. चतुर्वेदी एवं भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ. सचिन गोयल के नेतृत्व में वसुधैव कुटुंबकम अवधारणा पर कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय कला भवन के मुख्य हाल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.डी. चतुर्वेदी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना द्वारा किया गया। तत्पश्चात उपस्थित सभी अतिथियों का तिलक द्वारा सम्मान किया गया। भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. सचिन गोयल ने विषय प्रवर्तन करते हुए वसुधैव कुटुंबकम अवधारणा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम प्राचीन भारतीय शास्त्रों से लिया गया एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है कि पूरा विश्व मेरा परिवार है। एक ऐसा विश्व बनाने के लिए जहां वसुधैव कुटुम्बकम का सिद्धांत साकार हो हमें ऐसी नीतियों और प्रणालियों को लागू करना होगा जो धन का पुनर्वितरण करें और सभी व्यक्तियों को अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के अवसर प्रदान करें। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। भारतीय ज्ञान परंपरा के सहसंयोजक शुभम पाठक ने वसुधैव कुटुंबकम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाउपनिषद का यह श्लोक भारत की संसद के प्रवेश द्वार पर उत्कीर्ण है।
वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा हितोपदेश से उत्पन्न हुई है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.डी. चतुर्वेदी ने कहा कि अयं निज: परो वेति गणना लघुचेतसाम उदारचरितानाम् तु वसुधैव कुटुम्बक यह मेरा है वह तेरा है ऐसी संकीर्ण सोच वाले व्यक्तियों की गणना है। महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राममोहन तिवारी ने वसुधैव कुटुंबकम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा व्यापक है। यह न केवल मनुष्यों और मानव समुदायों के बीच भाईचारे और एकता का आव्हान करती है बल्कि सभी जीवित प्राणियों को एक परिवार का हिस्सा मानती है। भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा इस अवसर पर विश्व शांति एवं सौहार्द विषय पर केंद्रित पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका परिणाम प्रकोष्ठ संयोजक डॉ. सचिन गोयल द्वारा घोषित करते हुए प्रिया कोरी एवं डालचंद कोरी प्रथम स्थान, मुस्कान वर्मा द्वितीय स्थान एवं मोहित रैकवार को तृतीय स्थान प्रदान किया गया। इसी प्रकार भारतीय लोक संस्कृति पर आधारित नृत्य संगीत की प्रस्तुति भी विद्यार्थियों द्वारा की गयी। कार्यक्रम में डॉ. गुलाब धर एवं डॉ. रचना गुप्ता की उपस्थिति सराहनीय रही। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. पीयूषा शर्मा एवं आभार प्रदर्शन डॉ. सतीश त्रिपाठी विभागाध्यक्ष संस्कृत द्वारा एवं कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान द्वारा किया गया।
Created On :   22 Aug 2025 12:25 PM IST