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Panna News: सोलह साल बाद भी महाविद्यालय में छात्राओं को नहीं मिला छात्रावास, पहले निर्माण में ७२ लाख और फिर रेनोवेशन में खर्च किए गए ३६ लाख

- सोलह साल बाद भी महाविद्यालय में छात्राओं को नहीं मिला छात्रावास
- पहले निर्माण में ७२ लाख और फिर रेनोवेशन में खर्च किए गए ३६ लाख
Panna News: पन्ना के प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय छत्रसाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्रायें १६ साल से छात्रावास के मिलने का इंतजार कर रही हैं। महाविद्यालय में पढऩे वाली छात्राओं की आवासीय व्यवस्था के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की निधि से महाविद्यालय के विज्ञान भवन में ७२ लाख रूपए की लागत से वर्ष २००८ में छात्रावास के भवन का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था। छात्रावास भवन के निर्माण के लिए जिले के लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया। लोक निर्माण विभाग द्वारा छात्रावास निर्माण के लिए नियुक्त किए गए ठेेकेदार द्वारा १६ जून २००९ को छात्रावास भवन का निर्माण प्रारंभ किया गया। छात्रावास भवन का निर्माण पूरा किए जाने को लेकर १७ अप्रैल २०१० की म्याद तय की गई थी परंतु ठेकेदार की लापरवाही एवं लोक निर्माण विभाग की उदासीनता की वजह से भवन के निर्माण कार्य के लिए जो म्याद तय की गई थी उसी अवधि के दौरान भवन निर्माण कार्य न के बराबर हो सका और लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य को पूर्ण कराये जाने को लेकर समय सीमा लगातार बढ़ाई जाती रही। जिम्मेदार अधिकारियों ने इस दौरान न तो छात्रावास भवन के निर्माण की गुणवत्ता पर गौर किया और न ही मनमाने तरीके से कार्य करने वाले ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्रवाई की गई। जिसका नतीजा यह हुआ कि सात साल में ३० अगस्त २०१६ को ठेकेदार द्वारा आधा-अधूरा कार्य करते हुए उसी स्थिति में छोड़ दिया इस दौरान जो खिडक़ी दरवाजे आदि लगाये गए थे वह भी खराब हो गए और छात्राओं को छात्रावास नहीं मिल पाया। इसके बाद निर्माण के साथ ही बदहाल स्थिति में पहुंचे छात्रावास का रेनोवेशन के लिए निर्माण लागत ७२ लाख के अतिरिक्त ३६ लाख रूपए की राशि मंजूर कर दी गई और रेनोवेशन के कार्य की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग शाखा पीआईयू को सौंपा गया। रेनोवेशन के कार्य को लेकर भी कुछ उसी तरह की स्थितियां चार वर्ष तक चली और ३६ लाख रूपए खर्च होने के बाद भी निर्मित छात्रावास भवन की हालत इस लायक नहीं हुई कि उसमें महाविद्यालय की छात्रायें रह सके और इसी स्थिति में वर्ष १४ जनवरी २०२० को महाविद्यालय प्रबंधन को छात्रावास हैण्डओवर कर दिया गया। हैण्डओवर हो जाने के भी चार साल गुजर चुके है और अभी तक न तो छात्रावास का संचालन शुरू हो सका है और न ही बाहर से आकर महाविद्यालय में दाखिला लेकर अध्ययन करने वाली गरीब छात्राओं को रहने का ठिकाना मिल पाया है।
सुधार कार्य के बाद अभी भी हालत खराब
निर्मित छात्रावास को शुरू करने को लेकर समय-समय पर सुधार कार्य भी करवाये जाने की जानकारी सामने आई। कुछ समय पूर्व ही सुधार कार्य करवाया गया परंतु अभी भी स्थिति यह नहीं है कि छात्राओं को उसमें रखा जा सकें। जानकारी से पता चला है कि छात्रावास भवन के दरवाजे खराब हो चुके है जो खुल एवं बंद नहीं हो रहे हैं। खिड़कियों के शीशे फिर टूट चुके है इसके साथ ही सीढियों से छात्रावास के अंदर पानी भी पहुंच रहा है। यह भी जानकारी आई है कि भवन की छत से कमरो में पानी लीकेज भी हो रहा है व पंखे बिजली के बोर्ड भी खराब है।
१५ लाख की लागत से बन रही बाउण्ड्री वॉल, गुणवत्ता खराब
छात्रावास भवन की बाउण्ड्री वॉल का निर्माण कार्य भी काफी समय पहले मंजूर किया गया था जिसके लिए १५ लाख रूपए की राशि निर्माण कार्य के लिए स्वीकृत की गई है। बाउण्ड्री वॉल का निर्माण कार्य को लेकर भी निर्माण का भी मनमाने तरीके से गुणवत्ता विहीन होने के आरोप लग रहे है। बताया जा रहा है जहां पर चार सूत का सरिया ठेकेदार को लगाना चाहिए वहां पर तीन सूत का सरिया लगाया जा रहा है। बीम, पिलर आदि के निर्माण कार्य में घटिया रेत बालू का उपयोग होने से उखड़ी रही है।
नवनियुक्त प्राचार्य ने बनाई जांच कमेटी
महाविद्यालय के संबंध में नवनियुक्त प्राचार्य एस.डी.चतुर्वेदी द्वारा दिनांक १७ जुलाई को छात्रावास भवन का निरीक्षण किया गया और इतने अधिक वर्ष गुजर जाने के बाद भी भवन का उपयोग छात्राओं के लिए नहीं हो सकने के संबंध में जानकारी को गंभीरता के साथ लिया गया तथा इस संबंध में ०६ सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है। जांच समिति में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. पी.पी.मिश्रा, सह प्राध्यापक डॉ. मनोरमा गुप्ता, सहायक प्राध्यापक डी.पी. कुशवाहा, डॉ. नंद कुमार पटेल, डॉ. सचिन गोयल, क्रीडा अधिकारी धर्मेन्द्र यादव को शामिल किया गया है। जांच समिति को बिलम्ब का कारण सुधार और रेनोवेशन की स्थिति निर्मित होने का कारण सुधार व रेनोवेशन में अतिरिक्त ३५ लाख रूपए खर्च होने की उपयोगिता और अभी तक भवन का उपयोग छात्राओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नहीं होना जैसे बिन्दुओं पर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।
इनका कहन ह
छात्रावास के निर्माण संबंधी पत्रों के अवलोकन से पता चला है कि वर्ष २००९ में भवन निर्माण कार्य प्रारंभ होना निर्धारित किया गया था तथा वर्ष २०१० में भवन का निर्माण कार्य पूर्ण होना था। भवन के निर्माण की मूल लागत ८२ लाख थी तथा रेनोवेशन पर ३५ लाख कुल व्यय किया गया है इस तरह से ११७ लाख रूपए व्यय हो चुके है। छात्रावास की अद्यतन स्थिति पूरे मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई है छात्रावास भवन सुविधा का लाभ जल्द से जल्द छात्राओं को मिलें इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं।
एस.डी चतुर्वेदी
प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय पन्ना
Created On :   19 July 2025 3:52 PM IST