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Panna News: बुनियादी सुविधाओं से वंचित है कल्दा पठार, जनजातियों का नहीं हो रहा समुचित विकास

Panna News: पवई विधानसभा मुख्यालय होने के साथ अनुविभाग स्तर के सभी मुख्यालयों से सुसज्जित तो है। विधानसभा अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य कल्दा क्षेत्र में निवासरत हैं जिनके कल्याण के लिए सरकार द्वारा विभिन्न स्तर से जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है साथ ही जनजातीय विकास के नाम पर बड़े-बड़े शिविर लगाकर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं लेकिन जमीनी स्तर से आज भी उन योजनाओं का लाभ धरातल स्तर से नहीं मिल पा रहा है सरकार द्वारा प्रयास लगातार किए जा रहे हैं लेकिन उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है जिससे यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पलायन करने को एवं दर-दर भटकने को मजबूर है।
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पेयजल सुविधा सहित निर्माण कार्यो की दरकार
कल्दा पठार का समूचा क्षेत्र पेयजल एवं सिंचाई सुविधाओ हेतु मात्र भूमिगत जल पर ही निर्भर है। बरसात के बाद कुछ महीने गुजरने के बाद भूमिगत जल का स्तर अत्यंत नीचे चले जाने के कारण जल स्त्रोत सूख जाते है और यहां की जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरसती रहती है। पेयजल की भारी किल्लत है जिसका समुचित समाधान आवश्यक है। गर्मियों के समय भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है।
20 वर्षों से अपूर्ण पड़ी बृहद सिंचाई परियोजना
सिंचाई सुविधा हेतु भितरी-मुटमुरु एवं तेन्दुघाट डैम से नहर के द्वारा पानी की मांग लगातार की जाती रही कुछ समय पहले क्षेत्रीय सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री सहित प्रशासन से क्षेत्र के किसानों ने सिंचाई सुविधा हेतु पानी की मांग रखी थी जिसे गंभीरता से लेते हुए संवेदनशील जनप्रतिनिधियों ने भितरी-मुट्मुरू बांध निर्माण के दौरान हुई अनियमितताओं की जांच एवं नहरों द्वारा क्षेत्र में पानी लाने का आश्वासन भी दिया था अब मुख्यमंत्री के शाहनगर दौरे पर पुन: यह मांग दोहराई जाएगी जिससे किसान हितैषी मुख्यमंत्री किसानों को सिंचाई सुविधाओ हेतु कोई बडी सौगात देने की घोषणा कर सके।
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स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार सहित चिकित्सकों की जरूरत
कल्दा में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जहां आवश्यक जांच सुविधाओं की कमी तो है साथ ही यहां पर लगभग पचास गांवों के निवासी आश्रित है। एक भी चिकित्सक की पदस्थापना न होने के कारण क्षेत्रवासियों को इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाना पड़ता है।
कल्दा क्षेत्र विद्युत समस्या से जूझ रहा है
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अटल ज्योति योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों को 24 घंटे विद्युत उपलब्ध कराने की योजना है लेकिन स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की उदासीनता के चलते ग्रामीण अंचल आज भी विद्युत समस्या से जूझ रहे हैं गांवों में ट्रांसफार्मर खराब हो जाने के चलते एक-एक साल गांवों में ट्रांसफारमर नहीं रखे जाते एवं पूरे क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या तथा विद्युत की अघोषित कटौती से परेशान हैं जिससे प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी पूर्व रवैए से ग्रामीण जनता परेशान हो रही है। क्षेत्रवासियों द्वारा मुख्यमंत्री के विधानसभा में आने से उम्मीद जागी है कि मुख्यमंत्री द्वारा कल्दा की पूर्व घोषणा को अमलीजामा पहनाया जाए एवं विद्युत, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं के लिए विशेष जोर दिया जाए।
कल्दा उप तहसील का संचालन 50 किलोमीटर दूर
प्रदेश सरकार द्वारा कल्दा पठारी क्षेत्र को उप तहसील का दर्जा दिया गया है लेकिन उसका संचालन राजस्व विभाग द्वारा कल्दा से 50 किलोमीटर दूर पवई से किया जाता है जिससे कल्दा क्षेत्रवासी वाहन विहीन होकर भी मजबूरी बस तहसील सम्बंधी कार्यों के लिए पवई जाना पड़ता है।
इनका कहना है
कल्दा क्षेत्र में एक एकलव्य विद्यालय तथा कक्षा से 9 से 12 के लिए आवासीय छात्रावास होना चाहिए जिससे आदिवासी छात्राओं को इसका लाभ मिल सके।
महिपाल सिंह, समाजसेवी कल्दा
कल्दा क्षेत्र में रोजगार के अभाव में पलायन हो रहा है आजादी के बाद भी आदिवासी समाज का हित समुचित तरीके से नहीं किया जा रहा है।
सुखदेव सिंह, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष जनपद पवई
कल्दा आदिवासी क्षेत्र है यहां पर एक महाविद्यालय एवं आईटीआई कालेज होना चाहिए यहां के आदिवासी छात्र कल्दा से 50 किलोमीटर दूर मैहर, पवई जाने को विवश है।
शिवकुमार सेन, सरपंच कल्दा जनपद पवई
Created On :   13 Nov 2025 12:09 PM IST












