Panna News: सीएम के आगमन पर रैपुरा वासियों को उम्मीदें, शिक्षा, स्वास्थ्य व सडकें पहली जरूरत

सीएम के आगमन पर रैपुरा वासियों को उम्मीदें, शिक्षा, स्वास्थ्य व सडकें पहली जरूरत
पवई विधानसभा अंतर्गत आज शाहनगर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आगमन हो रहा है। यह पहला अवसर होगा जब प्रदेश के मुख्यमंत्री यहां पहुंचेंगे। क्षेत्रवासियों को उम्मीद है कि वह लंबे समय से लंबित शिक्षा, स्वास्थ्य और सडक़ जैसी बुनियादी जरूरतों से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे।

Panna News: पवई विधानसभा अंतर्गत आज शाहनगर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आगमन हो रहा है। यह पहला अवसर होगा जब प्रदेश के मुख्यमंत्री यहां पहुंचेंगे। क्षेत्रवासियों को उम्मीद है कि वह लंबे समय से लंबित शिक्षा, स्वास्थ्य और सडक़ जैसी बुनियादी जरूरतों से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे। रैपुरा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में होने के बावजूद आजादी के सात दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है।

महाविद्यालय की मांग वर्षों से अधूरी

जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर स्थित रैपुरा क्षेत्र में महाविद्यालय की मांग पहली प्राथमिकता है। इस मांग को स्थानीय विधायक प्रहलाद लोधी ने भी गंभीरता से लिया है। क्षेत्र के हर चौराहे, घर और दुकानों में वर्षों से यही चर्चा रही। दो वर्ष पहले पूरे कस्बे ने ऐतिहासिक बंद कर महाविद्यालय की मांग का समर्थन किया था। क्षेत्रीयजनों का कहना है कि महाविद्यालय तभी सार्थक होगा जब विज्ञान, कला और कॉमर्स तीनों संकाय एक साथ स्वीकृत हों। तहसील मुख्यालय होने के बाद भी रैपुरा में आज तक शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल का अपना भवन नहीं बना। आज़ादी के पहले बने पुराने भवन में ही स्कूल संचालित हो रहा है। जिले में 10 सीएम राइस स्कूल होने के बावजूद 35 से अधिक ग्राम पंचायतों वाले रैपुरा को एक भी राइस स्कूल नहीं मिला है। वर्तमान में यहां 1200 से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। जनता को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस बार रैपुरा को सीएम राइस स्कूल की सौगात देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक

रैपुरा और आसपास के पचास से अधिक गांव में एक मात्र आठ बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर हैं। यहां केवल प्राथमिक उपचार उपलब्ध है जबकि एक्स-रे मशीन कई वर्षों से बिना ऑपरेटर के बेकार पड़ी है। ब्डड टेस्ट के लिए कोई भी कोई लैब नहीं हैं। यहां ब्लड सैम्पल एक दिन एकत्रित होते हैं और रिपोर्ट अगले दिन शाहनगर से आती है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में हजारों लोग कटनी, दमोह और जबलपुर के निजी अस्पतालों पर निर्भर हैं।

नगर परिषद का अब तक नहीं मिला दर्जा

रैपुरा कस्बा तहसील मुख्यालय बनने के बाद लगातार विस्तार कर चुका है। कई शासकीय कार्यालय खुलने के बावजूद यह अब भी ग्राम पंचायत है जिससे विकास कार्य सीमित रह जाते हैं। स्थानीय नागरिक कई बार नगर परिषद का दर्जा देने की मांग उठा चुके हैं ताकि कस्बे का नियोजित विकास हो सके। क्षेत्र में लंबे समय से सडक़ों की जर्जर स्थिति को लेकर काफी चर्चा रहती है। रैपुरा को जिले से जोडऩे वाली सडक़ की रैपुरा से मोहन्द्रा तक स्थिति खराब हो चुकी है। कई फीट के गहरे एवं लंबे-चौड़े गढ्ढे लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। विभाग न तो इनकी मरम्मत करते हैं न बजट का पता होता है। रैपुरा क्षेत्र के अधराड के लोगों ने गांव को पटपरनाथ धाम होते हुए सिहोरा हटा मुख्य मार्ग में जोडऩे तथा अधराड से ही सलैया रेलवे स्टेशन तक पहुंच मार्ग पर आश्वासन की उम्मीद जताई है। मुख्यमंत्री के आज के दौरे से पूरे क्षेत्र में उम्मीदें बंधी हैं कि वर्षों से अटकी शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे की मांगों पर सकारात्मक निर्णय मिल सकता है।

Created On :   19 Nov 2025 3:41 PM IST

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