Panna News: बलराम जयंती पर श्री बलदेव जी मंदिर में पहली बार हुआ श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन

बलराम जयंती पर श्री बलदेव जी मंदिर में पहली बार हुआ श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन
  • बलराम जयंती पर श्री बलदेव जी मंदिर में पहली बार
  • हुआ श्रीकृष्ण पर्व का हुआ आयोजन

Panna News: संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से बलराम जयंती पर पन्ना के श्री बलदेव जी मंदिर परिसर में 14 अगस्त को श्रीकृष्ण पर्व-हलधर महोत्सव एवं लीलाधारी का प्रकटोत्सव का आयोजन किया गया। पहली बार आयोजित हुए इस कार्यक्रम में बलदेव जी मंदिर की शीतल और पवित्र छाया में छतरपुर की कमला लोधी ने श्रीकृष्ण केन्द्रित भक्ति गीतों की सुमधुर प्रस्तुति दी। लाल बहादुर घासी सीधी ने घसिया बाजा और स्वप्निल मैलोडी गु्रप जबलपुर के कलाकारों के दल द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुति दी गई। विधायक पन्ना एवं पूर्व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने दीप प्रज्जवलन कर श्रीकृष्ण पर्व का शुुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पहली बार राज्य सूची में शामिल हरछठ महोत्सव की आगामी वर्षों में अलग पहचान होगी। सांस्कृतिक कैलेण्डर में इस महोत्सव के शामिल होने से देश के विख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुति भी देंगे। विधायक श्री सिंह ने बलराम जयंती पर हरछठ महोत्सव को संस्कृति विभाग के कैलेण्डर में स्थान मिलने पर जिला कलेक्टर के प्रयास की सराहना भी की और कहा कि पन्ना में एक वर्ष में 4 त्यौहारों का आयोजन उत्सवी माहौल में होता है। पन्ना में हरछठ एवं जन्माष्टमी पर्व के अलावा श्री जगन्नाथ स्वामी रथ यात्रा और छत्रसाल जयंती की भी विशेष मान्यता है। उन्होंने कहा कि अब मंदिर समिति को विभिन्न पर्वों के आयोजन के लिए आर्थिक तौर पर समस्याओं का सामना नहीं करना होगा बल्कि अब बेहतर स्वरूप में इनके आयोजन से भविष्य में यह महोत्सव नई ऊंचाईओं को छुएगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि श्री जुगल किशोर महालोक में पन्ना नगर के सभी मंदिरों को शामिल किया जाएगा। स्थानीय धरम सागर तालाब पर महाराजा छत्रसाल की मूर्ति के शीघ्र अनावरण के साथ ही पन्ना में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए भूमिपूजन भी होगा।

बलदाऊ के भैया की जय बोलो कृष्ण कन्हैया की की रही गूंज

कंठ में बुंदेलखण्ड के लोक स्वरों की परम्परा का संस्कार लिए सुश्री कमला लोधी मंच पर नमूदार हुईं और परम्परागत तरीके से ईश्वर का वंदन करने के पश्चात जब बलदाऊ के भैया की जय बोलो कृष्ण कन्हैया की भजन से गायन का शुभारंभ किया तो मंदिर प्रांगण में कृष्ण रस घुल गया। इसके बाद मनमोहन से हारी सखी री, छेडे डगर हमारी लाल सखि चलो नंद के द्वार, ओ द्वार लाला के दर्शन कर आवें। मोर झूल हुलिया ऐन यशोदा लाला की विराजे पन्ना में दाऊ बलदेव, चलो जू दर्शन कर लो आदि भक्ति गीत प्रस्तुत किए। अगली कडी में लाल बहादुर घासी और साथी कलाकारों ने घसिया बाजा की प्रस्तुति दी। सीधी क्षेत्र के बकबा, सिकरा, नचनी महुआ, गजरा बहरा, सिंगरावल आदि ग्रामों में रहने वाली घसिया एवं गोंड जनजाति के कलाकर पारंपरिक रूप से इसकी प्रस्तुति देते हैं। इस नृत्य की उत्पत्ति के संबंध में किंवदंती है कि यह नृत्य शिव की बारात में विभिन्न वनवासियों द्वारा किए जा रहे करतब का एक रूप है। जिस तरह शिव की बारात में दानव, मानव, भूत-प्रेत, भिन्न-भिन्न तरह के जानवर आदि शामिल हुए थे कुछ उसी तरह इस नृत्य में भी कलाकारों द्वारा अनुकरण किया जाता है। इस नृत्य के कलाकार इसे 12 अलग-अलग तालों में पूरा करते हैं। लाल बहादुर के अनुसार प्राचीन काल में घनघोर वन परिक्षेत्र में जंगली जानवरों से बचने के उपाय के रूप में इसे तेज ध्वनि में बजाया जाता रहा है। इसे गुदुम बाजा, घसिया बाजा, निशान आदि नाम से भी जानते हैं। इसके साथ गुदुम बाजा, डफली, शहनाई, टिमकी, मांदर, घुनघुना आदि वाद्ययंत्र भी बजाते हुए नृत्य किया जाता है। अंतिम सभा में स्वप्निल मैलोडी गु्रप, जबलपुर के कलाकारों की भक्ति गायन प्रस्तुति हुई। गु्रप ने वृंदावन जाऊंगी सखी, मुकुट सिर मोर का दिल में तू श्याम नाम की रात श्याम सपने में, मीठे रस से जुलम कर डालो जैसे कई भजन गाये गये। श्री कृष्ण पर्व के कार्यक्रम में कलेक्टर सुरेश कुमार सपत्नीक शामिल हुए। जिला पंचायत सीईओ उमराव सिंह मरावी, अतिरिक्त सीईओ अशोक चतुर्वेदी, परियोजना अधिकारी संजय सिंह परिहार सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी, गणमान्य नागरिक एवं नगरवासी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुरेश श्रीवास्तव सौरभ द्वारा किया गया।


Created On :   17 Aug 2025 12:05 PM IST

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