Panna News: बूंद-बूंद पानी के लिए तरह रहा तहसील मुख्यालय सिमरिया, हांथठेला वा वाहनों में डिब्बे ढोने को मजबूर लोग

बूंद-बूंद पानी के लिए तरह रहा तहसील मुख्यालय सिमरिया, हांथठेला वा वाहनों में डिब्बे ढोने को मजबूर लोग
  • बूंद-बूंद पानी के लिए तरह रहा तहसील मुख्यालय सिमरिया
  • हांथठेला वा वाहनों में डिब्बे ढोने को मजबूर लोग

Panna News: जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 65 किलोमीटर दूर पवई विकासखंड में स्थित सिमरिया जो पन्ना जिले की एक बड़ी ग्राम पंचायत और तहसील मुख्यालय भी है वहां के निवासी इस समय बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि समीपस्थ के सभी पानी के स्त्रोत, ताल-तलैया सूख चुके हैं। बोरवेल से सिर्फ हवा निकल रही है व हैंडपंप काम नहीं कर रहे हैं। लोगों को पानी के लिए बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

शोपीस बनी 40 लाख की टंकी

बरसों पहले तत्कालीन विधायक द्वारा स्कूल प्रांगण में लगभग 40 लाख रुपये की लागत से एक पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था जिसका उद्देश्य पूरे नगर में पानी की आपूर्ति करना था। हालांकि यह पानी की टंकी केवल एक शोपीस बनकर रह गई है और कहीं भी पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। यह टंकी दूर से केवल दिखावा मात्र प्रतीत होती है और बड़ी-बड़ी कंपनियों के विज्ञापन लिखने का एक माध्यम बन गई है। स्थिति यह है कि इसके आसपास भी पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है।

परम्परागत जल स्त्रोत सूखे, पशु भी प्यासे

सिमरिया नगर में परंपरागत पानी के स्त्रोत नहीं हैं। आसपास कोई नदीं या बड़े तालाब नहीं हैं। जो भी तालाब और कुएं हैं उनमें पानी पूरी तरह सूख चुका है। पशुओं के लिए भी पानी की बहुत बड़ी समस्या है। अधिकांश बोर सूख चुके हैं और उनमें से केवल हवा निकलती है। लोग पीने के पानी की व्यवस्था के लिए भटक रहे हैं।

बोर और हैण्डपम्प की स्थिति बदहाल

नगर में सार्वजनिक बोर नहीं हैं और अधिकांश हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। किसी में लाइन नहीं है किसी में पाइप नहीं है। कहीं पर पानी की समस्या है। इक्का-दुक्का को छोडक़र इतनी बड़ी आबादी में शासन स्तर पर पूर्व में खोदे गए नलकूप और हैंडपंप संचालित नहीं हैं। विभाग की योजनाएं केवल कागजों पर सीमित हैं और सुधार कार्य भी कागजों पर ही हो रहा है जबकि वास्तविक स्थिति इससे कोसों दूर है।

नलजल योजना का इंतजार

केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त नलजल योजना जिसका उद्देश्य प्रत्येक ग्राम में हर स्थिति में पीने का पानी उपलब्ध करवाना है कई छोटे-छोटे गांवों में 2 से 3 वर्ष पूर्व पूर्ण भी हो चुकी है और सफलतापूर्वक चालू है परंतु इतनी बड़ी पंचायत होने के बावजूद सिमरिया में यह योजना कब धरातल पर उतरेगी और कब मूर्त रूप लेगी इसका लोगों को इंतजार है। सिमरिया नगर के आसपास के किसी भी ग्राम में यह योजना संचालित नहीं है। पिछले दो वर्षों से केवल पाइप बिछाने का कार्य बीच में हुआ थाए जो वर्तमान में भी बंद है। विभाग की योजनाएं केवल कागजों तक सीमित हैं। कहीं पर भी किसी प्रकार की कोई व्यवस्था पानी वितरण के संबंध में नहीं की जा रही है। हैंडपंप और बोरवेल में सुधार नहीं किया जा रहा है और प्राचीन स्थान भी संरक्षित नहीं किए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि सुबह उठकर लोग डिब्बा उठाकर पीने के पानी की व्यवस्था करने हेतु यहां से वहां भटकते रहते हैं तब जाकर व्यवस्था होती है।

आर्थिक रूप से सक्षम लोग खरीद रहे पानी, गरीब बेहाल

पानी जीवन की प्राथमिक आवश्यकता है और सरकार भी पानी सप्लाई की योजना के क्रियान्वयन पर प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करती है परंतु स्थिति में कुछ सुधार नहीं दिखाई देता। यह बात समझ से परे है कि जब सिमरिया नगर में तहसील मुख्यालय होने के बावजूद स्थिति यह है कि कहीं से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है तो आसपास के गांवों में स्थिति कितनी ज्यादा खराब होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम है वह तो निजी टैंकर मंगवाकर अपना काम चला लेते हैं परंतु गरीब लोगों को पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड रहा है।

पूर्व निर्मित टंकी से सप्लाई की मांग

इस संबंध में सभी नगरवासियों का कहना है कि जो पानी की टंकी पूर्व में बनी थी वह क्या केवल देखने के लिए है। जब तक केंद्र सरकार की नलजल योजना संचालित नहीं होती तब तक इस टंकी के माध्यम से ही पानी की सप्लाई की जाए जिससे लोगों को राहत मिल सके।

सिमरिया में कई सालों से पानी की समस्या है। टंकी केवल दिखावे के लिए बनी है। पानी की समस्या का स्थायी समाधान होना अति आवश्यक है।

पवन तिवारी, स्थानीय निवासी

ग्राम पंचायत सिमरिया में पर्याप्त पानी के टैंकर होने के बावजूद भी ग्राम पंचायत द्वारा किसी प्रकार पानी की सप्लाई नहीं की जाती है। ग्राम पंचायत द्वारा टैंकरों को व्यक्ति विशेष लोगों के सुपुर्द कर दिया गया है और नई पंचायत द्वारा उनका कोई विधिवत किराया भी नहीं लिया जा रहा है। प्रशासन से मांग है कि ग्राम के लोगों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करवाकर पानी की सप्लाई कराई जाए।

योगेश द्विवेदी, स्थानीय निवासी

इनका कहना है

ग्राम पंचायत सिमरिया के पास कुल चार टैंकर उपलब्ध हैं। ग्राम पंचायत के अधीनस्थ आने वाले बोरवेल में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं है इसलिए उनको अधिग्रहित करने का कोई औचित्य नहीं है। रही बात टैंकरों के किराए की तो किसी से किसी प्रकार का ग्राम पंचायत द्वारा कोई किराया नहीं लिया जा रहा है।

संतोष पटेल, सचिव ग्राम पंचायत सिमरिया

Created On :   20 Jun 2025 12:40 PM IST

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