Panna News: जेसीबी से दबंगों ने धवस्त कर दिया सिमरी-सूरत बांध का वेस्ट वियर, बांध टूटने से किसानों को भारी नुकसान, प्रशासन मौन

जेसीबी से दबंगों ने धवस्त कर दिया सिमरी-सूरत बांध का वेस्ट वियर, बांध टूटने से किसानों को भारी नुकसान, प्रशासन मौन
  • जेसीबी से दबंगों ने धवस्त कर दिया सिमरी-सूरत बांध का वेस्ट वियर
  • बांध टूटने से किसानों को भारी नुकसान, प्रशासन मौन

Panna News: जिले के गुनौर विकासखंड स्थित सिमरी-सूरत बांध महेवा वर्ष 2014-15 में बनाया गया था। जिस पर दबंगों द्वारा जेसीबी मशीन लगवाकर बांध के वेस्ट वियर को क्षतिग्रस्त करने की घटना ने क्षेत्र की प्रशासनिक संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खडे कर दिए हैं। करोडों रुपये की लागत से बनी यह जल संरचना जिसे आगामी मानसून में सिंचाई और जल संचयन के लिए तैयार किया गया था अब सूखी पडी है। इसके पीछे है कुछ प्रभावशाली मुआवजा प्राप्त जमींदारों की साजिश बताई जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत करते हुए बताया कि 15 जून को जब क्षेत्र में पहली बारिश शुरू हुई और बांध में पानी भरने लगाए उसी दिन यह घटना सामने आई। ग्रामीणों का कहना है कि जेसीबी मशीन से बांध का ओवरफ्लो बेस्टवेयर को जानबूझकर काटा गया। फिर लंबी नाली खुदवाकर बांध का सारा पानी बहा दिया गया। स्थानीय किसानों और ग्रामीणों का आरोप है कि यह तोडफोड उन्हीं लोगों द्वारा कराई गई जिन्हें वर्षों पहले जमीन का मुआवजा मिल चुका था। अब वह नहीं चाहते कि बांध पूरी तरह भरकर उनकी बची-खुची जमीन में डूब की स्थिति बने। इसलिए उन्होंने इस जनहित योजना को अपने निजी स्वार्थ के लिए बलि चढा दिया। कोट, महेवा, चौडा, बरहा, गुंजाहिया सहित दर्जनों गांवों के किसान बेहद आक्रोशित हैं। इस बांध पर उनकी खेती, पशुपालन और जल आपूर्ति निर्भर थी। शुक्रवार को ग्रामीणों ने कलेक्टर सुरेश कुमार और जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री सतीश शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की थी कि दोषियों पर एफआईआर दर्ज की जाए और बांध को पुन: बनाया जाए। ग्रामीणों ने बताया कि इसी बांध से विगत कई वर्षों से खेती करते आए हैं लेकिन अब पानी नहीं होने से उनकी बोनी होना भी मुश्किल हो जायेगा।

मामले पर गंभीर नहीं प्रशासन

इस गंभीर मामले पर प्रशासन का जवाब और भी चौंकाने वाला है। जिम्मेदार अधिकारियों ने सिर्फ इतना कहा कल अधिकारी भेजकर जांच कराई जाएगी। प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं करने से किसानों के आक्रोश को और भडका रहा है। सवाल यह है कि जब घटना खुली आंखों देखी जा रही है घटना का वीडिया भी वायरल हो रहा है दोषी सामने हैं तब जांच की आड में कार्रवाई को टालना किसके हित में है। ग्रामीणों की आशंका है कि दोषियों के रसूख के कारण प्रशासन कार्रवाई से कतरा रहा है। सवाल भी उठता है कि बिना किसी सरकारी अनुमति के बांध जैसे संरचनात्मक स्थल पर जेसीबी मशीन कैसे चल सकती है। किसानों ने दो टूक कहा है कि यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह आंदोलन को विवश होंगे।

इनका कहना है

ग्रामवासियों ने कलेक्टर एवं विभाग को शिकायत की थी। जिसकी जांच के लिए मैं 21 जून को गई थी। मौके का निरीक्षण करके पंचनामा बनाने की कार्रवाई की गई है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

अर्चना देवी लोधी

अनुविभागीय अधिकारी उप संभाग अमानगंज जल संसाधन विभाग पन्ना

Created On :   23 Jun 2025 2:00 PM IST

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