Panna News: कलेक्टर ने शासकीय भूमि को अवैधानिक तरीके से निजी भूमि दर्ज करने पर पुन: शासकीय भूमि दर्ज करने का दिया आदेश

कलेक्टर ने शासकीय भूमि को अवैधानिक तरीके से निजी भूमि दर्ज करने पर पुन: शासकीय भूमि दर्ज करने का दिया आदेश
  • कलेक्टर ने शासकीय भूमि को अवैधानिक तरीके से निजी भूमि दर्ज करने पर
  • पुन: शासकीय भूमि दर्ज करने का दिया आदेश
  • नामांतरण एवं अनधिकृत प्रविष्टि भी निरस्त

Panna News: कलेक्टर सुरेश कुमार ने म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (7 ख) के उल्लंघन सहित बगैर सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से बायपास रोड पन्ना स्थित सर्वे नंबर 2109/2/1 रकवा 0.576 में दर्ज श्रीकांत दीक्षित, सर्वे नंबर 2109/2/2 रकवा 1.200 में दर्ज न्यास डीबीसी विधि महाविद्यालय अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह एवं सर्वे नंबर 2109/2/3 रकवा 0.250 में दर्ज आशा दीक्षित की प्रश्नाधीन भूमि को शासकीय भूमि दर्ज करने का आदेश पारित किया है। इस संबंध में गत दिवस कलेक्टर न्यायालय में अनावेदकगणों को सुनवाई का अवसर भी प्रदान किया गया था साथ ही जनसामान्य को भी नियत अवधि तक आपत्ति प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया गया था। इस दौरान यह भी पाया गया कि तत्समय पटवारी एवं राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों की मिली भगत से खसरे में संशोधन किया गया था। उल्लेखनीय है कि प्रकरण में विवेचना एवं राजस्व अभिलेख के विश्लेषण से पाया गया कि खसरा वर्ष 1961 में प्रश्नाधीन भूमि सर्वे नंबर 2109/2 रकवा 5.00 एकड़ परमा गौड सा. देह भूमि स्वामी के नाम अनधिकृत रूप से दर्ज हुई है। यदि वर्ष 1961-62 में परमा को भूमि शासन से बंटन में प्राप्त होने का तथ्य माना जाए तब भी वर्ष 1999 में शासकीय भूमि को जिला कलेक्टर की विक्रय अनुमति के बगैर रामकिशुन को विक्रय किया गया। जिला कलेक्टर ने इस स्थिति में भूमि को म.प्र. शासन दर्ज करने के साथ संबंधित के नाम दर्ज भूमि के समस्त नामांतरण एवं अनधिकृत प्रविष्टि को भी निरस्त करने की कार्रवाई की है। साथ ही तहसीलदार पन्ना को अभिलेख में अमल कर खसरा और नक्शा की प्रति प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है। इसके अलावा भूमि पर अनावेदकगण का कब्जा होने की स्थिति में इसे हटाकर कब्जा प्राप्त करने के निर्देश भी दिए हैं।

अवकाश के दिन अवैध अधिकारातीत पारित किया गया आदेश: एडवोकेट रामलखन त्रिपाठी

वहीं अनावेदकगण की ओर से अधिवक्ता रामलखन त्रिपाठी ने उक्त निर्णय पर कहा कि श्रीकांत दीक्षित ने खसरा क्रमांक २१०९/२ रकवा २.०२३ हेक्टेयर स्थित ग्राम पन्ना की आराजी अपर कलेक्टर पन्ना के आदेश दिनांक ०९ फरवरी २००४ से प्राप्त अंतरण अनुमति उपरांत क्रय किया है। सन् २०१२-१३ में भी तत्कालीन पन्ना कलेक्टर ने पूर्व सांसद लोकेन्द्र सिंह की शिकायत जांच उपरांत असत्य पाई थी व श्रीकांत दीक्षित द्वारा विधि अनुसार क्रय किया जाना पाया था किंतु राजनैतिक विरोधी व्यक्तियों के कहने पर कलेक्टर पन्ना ने उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विधि सिद्धांतों का उल्लंघन व अवमानना कर राजस्व मण्डल की अनुमति के बिना जांच करने की अधिकारिता कलेक्टर पन्ना में निहित न होने पर तथा व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड पन्ना में आरसीएसए ९३/२५ में आज अस्थायी निषेघाज्ञा का जबाव देने का अवसर दिनांक १५ जुलाई २०२५ तक को प्रभारी अधिकारी तहसीलदार पन्ना को भेजकर लिया व सिविल न्यायालय में प्रकरण लंबित होने की अवस्था में अवकाश के दिन अवैध अधिकारातीत आदेश पारित कर परिस्थितियों व तथ्यों को परिवर्तित करने का कार्य किया है। जिसके विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जावेगी।

नामांतरण एवं अनधिकृत प्रविष्टि भी निरस्त

ब्यूरो पन्ना। कलेक्टर सुरेश कुमार ने म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (7 ख) के उल्लंघन सहित बगैर सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से बायपास रोड पन्ना स्थित सर्वे नंबर 2109/2/1 रकवा 0.576 में दर्ज श्रीकांत दीक्षित, सर्वे नंबर 2109/2/2 रकवा 1.200 में दर्ज न्यास डीबीसी विधि महाविद्यालय अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह एवं सर्वे नंबर 2109/2/3 रकवा 0.250 में दर्ज आशा दीक्षित की प्रश्नाधीन भूमि को शासकीय भूमि दर्ज करने का आदेश पारित किया है। इस संबंध में गत दिवस कलेक्टर न्यायालय में अनावेदकगणों को सुनवाई का अवसर भी प्रदान किया गया था साथ ही जनसामान्य को भी नियत अवधि तक आपत्ति प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया गया था। इस दौरान यह भी पाया गया कि तत्समय पटवारी एवं राजस्व अधिकारी-कर्मचारियों की मिली भगत से खसरे में संशोधन किया गया था। उल्लेखनीय है कि प्रकरण में विवेचना एवं राजस्व अभिलेख के विश्लेषण से पाया गया कि खसरा वर्ष 1961 में प्रश्नाधीन भूमि सर्वे नंबर 2109/2 रकवा 5.00 एकड़ परमा गौड सा. देह भूमि स्वामी के नाम अनधिकृत रूप से दर्ज हुई है। यदि वर्ष 1961-62 में परमा को भूमि शासन से बंटन में प्राप्त होने का तथ्य माना जाए तब भी वर्ष 1999 में शासकीय भूमि को जिला कलेक्टर की विक्रय अनुमति के बगैर रामकिशुन को विक्रय किया गया। जिला कलेक्टर ने इस स्थिति में भूमि को म.प्र. शासन दर्ज करने के साथ संबंधित के नाम दर्ज भूमि के समस्त नामांतरण एवं अनधिकृत प्रविष्टि को भी निरस्त करने की कार्रवाई की है। साथ ही तहसीलदार पन्ना को अभिलेख में अमल कर खसरा और नक्शा की प्रति प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है। इसके अलावा भूमि पर अनावेदकगण का कब्जा होने की स्थिति में इसे हटाकर कब्जा प्राप्त करने के निर्देश भी दिए हैं।

अवकाश के दिन अवैध अधिकारातीत पारित किया गया आदेश: एडवोकेट रामलखन त्रिपाठी

वहीं अनावेदकगण की ओर से अधिवक्ता रामलखन त्रिपाठी ने उक्त निर्णय पर कहा कि श्रीकांत दीक्षित ने खसरा क्रमांक २१०९/२ रकवा २.०२३ हेक्टेयर स्थित ग्राम पन्ना की आराजी अपर कलेक्टर पन्ना के आदेश दिनांक ०९ फरवरी २००४ से प्राप्त अंतरण अनुमति उपरांत क्रय किया है। सन् २०१२-१३ में भी तत्कालीन पन्ना कलेक्टर ने पूर्व सांसद लोकेन्द्र सिंह की शिकायत जांच उपरांत असत्य पाई थी व श्रीकांत दीक्षित द्वारा विधि अनुसार क्रय किया जाना पाया था किंतु राजनैतिक विरोधी व्यक्तियों के कहने पर कलेक्टर पन्ना ने उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विधि सिद्धांतों का उल्लंघन व अवमानना कर राजस्व मण्डल की अनुमति के बिना जांच करने की अधिकारिता कलेक्टर पन्ना में निहित न होने पर तथा व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड पन्ना में आरसीएसए ९३/२५ में आज अस्थायी निषेघाज्ञा का जबाव देने का अवसर दिनांक १५ जुलाई २०२५ तक को प्रभारी अधिकारी तहसीलदार पन्ना को भेजकर लिया व सिविल न्यायालय में प्रकरण लंबित होने की अवस्था में अवकाश के दिन अवैध अधिकारातीत आदेश पारित कर परिस्थितियों व तथ्यों को परिवर्तित करने का कार्य किया है। जिसके विरूद्ध समुचित कार्रवाई की जावेगी।

Created On :   13 July 2025 1:08 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story