Panna News: चेन्नई से वापिस लाकर नाबालिग बेटे को पिता से मिलाया, समाजसेवी इंजीनियर योगेन्द्र भदौरिया ने की सहायता

चेन्नई से वापिस लाकर नाबालिग बेटे को पिता से मिलाया, समाजसेवी इंजीनियर योगेन्द्र भदौरिया ने की सहायता
  • चेन्नई से वापिस लाकर नाबालिग बेटे को पिता से मिलाया
  • समाजसेवी इंजीनियर योगेन्द्र भदौरिया ने की सहायता

Panna News: बीस दिन पहले 12 वर्षीय चिरौंजी अपने पिता की डांट से नाराज होकर छतरपुर पहुँच गया फिर ट्रैन में बैठकर भोपाल और फिर भोपाल से चेन्नई जा पहुंचा। चेन्नई पर्हंचकर उसे लगा पता नहीं कहा आ गए। दिन भर घूमते फिरते स्टेशन पर पंहुचा और रोने लगा एक भले पुलिस वाले ने बात करने की कोशिश की लेकिन बच्चे को वहां की भाषा और पुलिस वाले को बुंदेलखंडी समझ नहीं आई। जैसे-तैसे उसने कहा कहां के हो तो बच्चे ने इटवां, चंद्रनगर व बमीठा का बताया। पुलिस ने कई गु्रप में मेसेज डाला तो छतरपुर के गु्रप मेम्बर मणिकांत गुप्ता ने पढा और बातचीत की लेकिन बच्चा फोन पर समझ नहीं पाया। मणिकांत गुप्ता ने इंजीनियर योगेंद्र भदौरिया से बात की तथा बच्चे को बुलाया। उससे बातचीत कर बच्चे के बारे में सब समझ गए। आखिरकार बच्चा छतरपुर आ गया।

पन्ना जिले में पिता को ढूढना मुश्किल कार्य था क्योंकि कोई भी सम्पर्क नहीं था सिर्फ पिता का नाम, गांव का नाम था। इटवां में बच्चे के परिवार की खोज की गई लेकिन जब कोई न मिला तो बृजपुर थाना प्रभारी महेंद्र सिंह से भी बात की गई। आखिरकार बच्चे के पिता मिल गए लेकिन पुलिस को देखकर रात में ही लापता हो गए जैसे-तैसे उन्हें खोजा गया और फिर उन्हें छतरपुर भेजकर चिरौंजी से मिलवाया गया। जिस पर पिता का पुत्र से मिलन हो गया और दोनों बहुत प्रसन्न हुए। समाजसेवी इंजीनियर योगेन्द्र भदौरिया से वीडियो काल पर बात की गई। इस पूरे क्रम में बच्चे को उसके परिजनों से मिलाने पर पन्ना नगर के समाजसेवी इंजीनियर योगेन्द्र भदौरिया, मणिकांत गुप्ता, महेन्द्र सिंह की सराहनीय भूमिका रही।

Created On :   2 May 2025 2:35 PM IST

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