Panna News: हरियाली की हुंकार, ग्राम वन समितियों ने रचा पर्यावरण व समृद्धि का नया सवेरा

हरियाली की हुंकार, ग्राम वन समितियों ने रचा पर्यावरण व समृद्धि का नया सवेरा
  • हरियाली की हुंकार, ग्राम वन समितियों ने रचा पर्यावरण व समृद्धि का नया सवेरा

Panna News: टपरिया मे जंगलों को नया जीवन देने के साथ-साथ ग्रामीणों की जिंदगी में खुशहाली का रंग बिखेर रही हैं। जहां प्रकृति और मानवता का संगम एक सुनहरा भविष्य रच रहा है। वर्ष 2000 में गठित ग्राम वन समिति बडख़ेड़ा ने बीट बनौली के जंगलों को पुनर्जनन का अनुपम उपहार दिया। वर्ष 2007 से 2011 तक विभिन्न योजनाओं के तहत आंवला, जामुन, सीताफल व सागौन जैसे पौधों का श्रृंखलाबद्ध रोपण हुआ। परिणाम इतना चमकदार रहा कि वर्ष 2010 में समिति को शहीद अमृतादेवी विशेष पुरस्कार से नवाजा गया। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रत्न पुरवार ने वर्ष 2015 में निरीक्षण कर लिखा कि रोपण कार्य उत्कृष्ट स्तर का है। जीवितता 80-90 प्रतिशत पौधों की वृद्धि शानदार और 2014-15 में 5893 क्विंटल घास संग्रहण हुआ जोकि हरियाली का जीवंत गीत है। समिति ने चराई नियंत्रण, अतिक्रमण रोकथाम और वन्यजीव संरक्षण में अनुकरणीय योगदान दिया। नतीजा 66780 मानव दिवस का रोजगार जिसने ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया।

हर साल 380 क्विंटल चारा मूल्य 1.52 लाख रुपये उपलब्ध होता है। जल संरक्षण के लिए तालाब गहराईकरण, चेकडैम और हैंडपंप स्थापित किए गए जिससे भूजल स्तर में वृद्धि हुई। पर्यावरण में प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ाए गए। 170 हेक्टेयर जंगल सुरक्षित हुआ और बाघ, तेंदुआ, लकड़बग्घा जैसे वन्यजीवों का आवास समृद्ध हुआ। समिति ने वर्ष 2021 से २०26 के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया और पहले साल 1000 अवैध गुठीभिरों की कटाई से 1.61 लाख रुपये की आय हुई। जिसमें 20 प्रतिशत गांव विकास के लिए सुरक्षित है। 125 हेक्टेयर जंगल सुरक्षित हुआ रिजनरेशन बढ़ा और वन्यजीवों का आवास समृद्ध हुआ। दोनों समितियों के कार्यों की वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहना की जिससे कर्मचारी और ग्रामीण प्रोत्साहित हैं।

सामुदायिक संबल का जादू

यह समितियां सिर्फ जंगलों की रक्षा नहीं कर रही हैं बल्कि ग्रामीणों को आर्थिक सशक्तिकरण, जल संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और वन्यजीव सुरक्षा का अनमोल तोहफा दे रही हैं।

Created On :   1 Sept 2025 1:41 PM IST

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