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संत शिरोमणि रविदास जी की समरसता यात्रा का जिले में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, पन्ना। संत शिरोमणि रविदास जी के विचारों और सामाजिक समरसता का संदेश देने के उद्देश्य से प्रदेश में पांच स्थानों से समरसता यात्राएं शुरू की गई हैं। सभी यात्राओं का समापन आगामी 12 अगस्त को सागर में होगा। रूट क्रमांक 5 की समरसता यात्रा बुधवार को दोपहर सतना जिले की सीमा से गुनौर विकासखण्ड के ग्राम सेल्हा पहुंची। यहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामवासियों ने ढोल नगाडे और कलश यात्रा के जरिए और पुष्पवर्षा कर समरसता यात्रा का भव्य स्वागत किया। बडी संख्या में उपस्थित लोगों ने संत रविदास जी के जयकारे भी लगाए। इस मौके पर रविदास जी की चरण पादुका, कलश और ध्वज सौंपा गया। संत रविदास के चित्र पर माल्यार्पण व पूजन अर्चन कर गांव की पवित्र मिट्टी और जल भी रथ यात्रा में संग्रहित किया गया। इस दौरान समरसता यात्रा प्रभारी कैलाश जाटव, पूर्व विधायक राजेश वर्मा एवं महेन्द्र बागरी सहित अमिता बागरी, दिलीप अहिरवार, अंगद प्रजापति, एसडीएम कुशल सिंह गौतम, जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक आनंद पाण्डेय, जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग आर.के. सतनामी भी मौजूद थे। ग्राम सेल्हा में यात्रा के भ्रमण उपरांत गंज में यात्रा का स्वागत किया गया।
मानिकपुर विष्णु में जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यात्रा के उद्देश्य एवं सामाजिक समरसता के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। जनसंवाद कार्यक्रम में पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि संत रविदास जी के विचारों ने सर्वसमाज को सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश दिया है। मन चंगा तो कठौती में गंगा के मूल वाक्य पर संत शिरोमणि ने सामाजिक भेदभाव मिटाने तथा समाज में सबको समानता का अधिकार देने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। मुख्यमंत्री द्वारा भी संत रविदास के उपदेशों व विचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पांच समरसता यात्राएं शुरू की गई हैं। सागर में यात्रा के समागम पर प्रधानमंत्री 100 करोड की लागत से बनने वाले संत शिरोमणि के स्मारक मंदिर की आधारशिला रखेंगे। उन्होंने मैहर के मां शारदा देवी धाम में करोडोंं की लागत से बनवाए गए संत रविदास मंदिर की अनूठी सौगात पर भी आभार जताया। यात्रा के माध्यम से समरसता का संदेश दिया जा रहा है। इस दौरान प्रदेश की 313 नदियों का जल भी एकत्र किया जाएगा। सभी वर्गों के विकास के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के साथ विदिशा में तथागत बुद्ध नाम से भी विश्वविद्यालय बनवाया गया है। उन्होंने स्थानीय ग्रामवासियों से 12 अगस्त को सागर पहुंचने का आव्हान भी किया।
Created On :   3 Aug 2023 2:39 PM IST