Panna News: बीस वर्षों से न बिजली, न आज तक बन पाई पक्की सड़क

बीस वर्षों से न बिजली, न आज तक बन पाई पक्की सड़क
  • बीस वर्षों से न बिजली, न आज तक बन पाई पक्की सड़क
  • तीन सौ अधिक आबादी वाले आदिवासी ग्राम टिकरिया में लोगों का जीवन मुश्किल

Panna News: रैपुरा व मोहन्द्रा मुख्य सडक़ मार्ग से 6.5 किलोमीटर बीच जंगल में बसे पूर्णत: आदिवासी आबादी वाले गांव टिकरिया में पिछले बीस से पच्चीस वर्षों से बिजली नहीं है। इस गांव में न तो आज तक पक्की सडक बन सकी है। रविवार को रैपुरा से मोहन्द्रा के बीच आदिवासी अंचल होते हुए इस क्षेत्र के सबसे पिछड़े ग्रामों में से एक टिकरिया पहुंचे थे। मुख्य सडक़ मार्ग से उतरते ही बीच जंगल में मुरूम से बनी कच्ची सडक़ पर आ गए। जहां सडक़ में दो-दो फीट के बड़े-बड़े गढ्ढे बने थे। इस सडक़ पर बाइक चलाना भी मुश्किल था। 6.5 किलोमीटर चलने के बाद आदिवासी गांव टिकरिया मिलता है। गांव के बाहर बैठे कुछ युवा एवं महिलाओं को देखकर हम सीधे उनके पास पहुंच गए। अपना परिचय देने पर घर के बाहर बैठी बुजुर्ग महिला ने बताया कि गांव में लगभग बीस से पच्चीस वर्षों से बिजली नहीं है न ही मुख्य सडक़ मार्ग से कस्बे तक आने के लिए पक्की सडक़। लोगों ने बताया कि कोई बीमार हो जाए तो एम्बुलेंस भी बमुश्किल ही पहुंच पाती है। बारिश में तो पैदल भी नहीं जा सकते। इसलिए मोहन्द्रा के लिए शॉर्टकट रास्ता अपनाते है और पूरा पहाड़ पैदल ही उतर जाते हैं।

लोकसभा चुनाव में किया था बहिष्कार

पिछले चुनाव में गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया था तो गांव में कलेक्टर सहित पवई विधानसभा के विधायक भी आए और कहा कि वोट डालिए हम यहां बिजली, पानी व रोड की व्यवस्था करेंगे। रोजगार के लिए मुर्गी पालन एवं बकरी पालन के अवसर उपलब्ध कराने के वादे किए तब जाकर गांव के लोगों ने वोट डाले। एक साल हो गए लेकिन कोई दोबारा सुध लेने नहीं आया और न ही प्रशासन से कोई अधिकारी आए न राजनेता।


Created On :   12 May 2025 12:31 PM IST

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