Pune News: महाराष्ट्र ओलिंपिक एसोसिएशन के महासचिव शिरगांवकर पर गबन का मामला दर्ज

महाराष्ट्र ओलिंपिक एसोसिएशन के महासचिव शिरगांवकर पर गबन का मामला दर्ज

    भास्कर न्यूज, पुणे। महाराष्ट्र ओलिंपिक एसोसिएशन (एमओए) के 2 नवंबर को चुनाव होना है। इस चुनाव से पहले प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व एमओए के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अजित पवार को बड़ा झटका लगा है। यह झटका एमओए के महासचिव नामदेव शिरगांवकर के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज होने से लगा है। बताया जाता है निशाने पर अजित पवार भी हैं। शिरगांवकर के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य कुश्ती संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप भोंडवे ने करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की शिकायत की थी जिसपर यह मामला दर्ज किया गया है। इसमें एक मामला खेल सामग्री बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी एडिडास से भी जुड़ा है। आरोप है कि एडिडास के नकली लोगो लगाकर राज्य के खिलाड़ियों को ट्रेकसूट दिए गए। बताया जा रहा है कि अब एडिडास कंपनी की निगाह भी इस मामले पर आ गई है। यदि ऐसा होता है तो कंपनी भी प्रकरण दर्ज करा सकती है। आपको बता दें भोंडवे एमओए के अध्यक्ष पद के दावेदार व केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के करीबी हैं।

    एमओए के महासचिव नामदेव शिरगांवकर के खिलाफ वित्तीय कदाचार के आरोप में समर्थ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। भोंडवे ने शिकायत की थी कि राज्य सरकार से 12 करोड़ रुपये मिलने के बावजूद एमओए के महासचिव शिरगांवकर ने खिलाड़ियों को घटिया सामान उपलब्ध कराया। खिलाड़ियों को गाजियाबाद की एक कंपनी द्वारा एडिडास के नाम से बनाए गए ट्रैकसूट दिए गए। राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई ऱाशि का गबन कर दोगुने दाम पर घटिया सामान खरीदकर सरकार को ठगा गया। आरोप यह भी है कि शिरगांवकर ने अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों को मिलाकर कई खेल संगठन बनाए हैं और उन संगठनों के जरिए वित्तीय लेन-देन किया जा रहा है। भोंडवे का यह भी आरोप है कि शिरगांवकर ने सरकार से प्राप्त धन का गबन किया और उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। सरकार ने राष्ट्रीय खेलों के लिए महाराष्ट्र ओलिंपिक संघ को बड़ी मात्रा में धनराशि उपलब्ध कराई थी। सरकार ने सितंबर 2022 में गुजरात राष्ट्रीय खेलों के लिए 3.50 करोड़ रु., अक्टूबर 2023 में गोवा राष्ट्रीय खेलों के लिए 4 करोड़ रु. और जनवरी 2025 में उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के लिए 4.95 करोड़ रु. सहित कुल 12.45 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए थे। शिरगांवकर ने इस खर्च का विस्तृत हिसाब सरकार को नहीं दिया है। इस मामले में खेल एवं युवा सेवा निदेशालय ने 26 सितंबर 2025 को शिरगांवकर को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 अक्टूबर तक हिसाब देने को कहा था, लेकिन उन्होंने अवधि समाप्त होने के बाद भी हिसाब नहीं दिया।

    ऐसे निशाने पर हैं अजित

    बताया जा रहा है राज्य सरकार से मिलने वाली धनराशि के खर्च का फैसला एमओए की कमेटी करती है। हिसाब-किताब को लेकर अध्यक्ष व महासचिव के हस्ताक्षर भी होते हैं। ऐसे में शिरगांवकर पुलिस प्रकरण दर्ज होने से स्वत: ही अजित पवार भी घेरे में आ गए हैं।

    पवार का नाम क्यों नहीं

    यह सवाल उठता है कि शिकायत में अजित पवार का नाम क्यों नहीं है? यह भी सोची समझी राजनीति बताई जा रही है। यदि अजित पवार के नाम से शिकायत की जाती तो पुलिस सीधे प्रकरण दर्ज नहीं कर सकती थी क्योंकि अजित पवार वर्तमान में राज्य के उपमुख्यमंत्री पद पर काबिज हैं। शासकीय पद पर काबिज खासकर उपमुख्यमंत्री जैसे पद पर होने से अजित पवार पर प्रकरण दर्ज नहीं हो सकता था, इसलिए फिलहाल सिर्फ शिरगांवकर को निशाना बनाया गया है।

    Created On :   29 Oct 2025 2:22 PM IST

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