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Pune News: शरद पवार की अध्यक्षता वाली वीएसआई संस्था की जांच आदेश

भास्कर न्यूज, पुणे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वरिष्ठ नेता शरद पवार की अध्यक्षता वाली वसंत दादा शुगर इंस्टिट्यूट (वीएसआई) की जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री तीन सदस्यीय समिति गठित करने का भी निर्णय लिया है। फैसले से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। समिति यह जांचेगी कि संस्था को शुगर मिलों से मिलने वाली सब्सिडी का सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं।
वसंत दादा शुगर इंस्टिट्यूट प्रशासन की किसान नेताओं द्वारा आलोचना की जाती है और संस्था की जांच की मांग कई दिन से की जा रही थी। राकांपा (पवार गुट) के अध्यक्ष शरद पवार संस्था के अध्यक्ष हैं और उपमुख्यमंत्री अजित पवार संस्था के विश्वस्त मंडल में हैं। सोमवार को शहर उद्योग को लेकर हुई बैठक में वीएसआई संस्था के प्रबंधन पर आपत्ति जताई गई। हर साल गन्ना पेराई सत्र के दौरान राज्य की शकर मिलों से प्रति टन पेराई के लिए एक रुपए की राशि काटकर वीएसआई को दी जाती है। राशि का उपयोग शुगर उद्योग में अनुसंधान, तकनीकी उन्नति और प्रशिक्षण के लिए किया जाना है। यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या सब्सिडी का वास्तव में उद्देश्य के अनुसार उपयोग हो रहा है। कैबिनेट उपसमिति ने इसके लिए चीनी आयुक्त की अध्यक्षता में विशेष समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। समिति 2009-10 से लागू योजना के संदर्भ में विस्तृत जांच कर दो महीने में राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
राज्य की राजनीति में हलचल, रोहित
पवार बोले- यह सामान्य प्रक्रिया नहीं
माना जा रहा है कि वीएसआई की जांच कराने का आदेश देकर मुख्यमंत्री ने पवार चाचा-भतीजे को बड़ा झटका दिया है। यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री शरद और अजित पवार की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। राकांपा विधायक रोहित पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मांजरी स्थित वसंत दादा शुगर इंस्टिट्यूट ने राज्य में गन्ना उत्पादन में वृद्धि के साथ शुगर उद्योग को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाई है। शरद पवार की अध्यक्षता में और अजित पवार सहित सभी दलों के नेता पिछले कई साल से संस्था पर पार्टी से परे जाकर केवल किसानों के हित के लिए काम कर रहे हैं। फिर भी मुख्यमंत्री द्वारा संस्था की जांच का आदेश देना केवल सामान्य प्रक्रिया नहीं है। इसका मतलब है कि भाजपा ने अब ध्यान ठाणे के बाद बारामती पर केंद्रित कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को स्पष्ट किया कि भाजपा को अब किसी सहारे की आवश्यकता नहीं है। उसी के बाद मुख्यमंत्री ने वीएसआई की जांच का आदेश दिया। पवार बोले कि यह जल्द ही साफ हो जाएगा कि यह सहारा कम करने का प्रयास तो नहीं है।
उन्होंने कहा कि जहां हम करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के सबूत देते हैं, लेकिन सरकार चुप रहती है। जांच नहीं कराती। राजनीतिक द्वेष से अच्छे संस्था की जांच करके संस्था का नाम बदनाम किया जा रहा है। यही भाजपा की आधुनिक राजनीति है। इससे भाजपा का राजनीतिक एजेंडा तो पूरा हो सकता है, लेकिन राज्य को भारी नुकसान हो रहा है, उसका क्या?
Created On :   29 Oct 2025 2:39 PM IST












