Pune News: कॉल फॉरवर्डिंग से नई ठगी का खुलासा; साइबर अपराधियों का नया फंडा

कॉल फॉरवर्डिंग से नई ठगी का खुलासा; साइबर अपराधियों का नया फंडा
पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने नागरिकों को किया सचेत, सतर्क रहने की सलाह

भास्कर न्यूज, पिंपरी चिंचवड़। नागरिकों को ठगने के लिए साइबर अपराधियों ने अब “कॉल फॉरवर्डिंग” का नया हथकंडा अपनाया है। इस तकनीक के जरिए ठग लोगों के मोबाइल कॉल्स अपने नंबर पर डायवर्ट करवाकर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा रहे हैं। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस के साइबर थाने ने नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है।

कैसे होती है ठगी

साइबर अपराधी खुद को बैंक या मोबाइल कंपनी का अधिकारी बताकर नागरिकों से कहते हैं कि उन्हें केवाईसी अपडेट, सिम कार्ड वेरिफिकेशन, या बैंक अकाउंट की पुष्टि करनी है। इसके बाद वे पीड़ित से कहते हैं कि वह एक कोड डायल करे, जो सामान्यत: *21# या *401# से शुरू होता है। उदाहरण के तौर पर *401*(मोबाइल नंबर)# या *21*(मोबाइल नंबर)#। जैसे ही व्यक्ति यह कोड डालता है, उसके सभी कॉल्स ठगों के मोबाइल नंबर पर फॉरवर्ड हो जाते हैं। इससे उसके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी, बैंक लेनदेन कॉल्स, और यूपीआई वेरिफिकेशन अलर्ट्स सीधे अपराधियों के पास पहुंच जाते हैं।

ठगी के परिणाम

ओटीपी चोरी: ठग आपके बैंक, क्रेडिट कार्ड और यूपीआई से जुड़े ओटीपी प्राप्त कर लेते हैं।

कॉल डायवर्जन: आपके फोन पर आने वाले सभी कॉल्स दूसरे नंबर पर पहुंचते हैं।

गोपनीय जानकारी की चोरी: नौकरी, व्यवसाय या बैंकिंग से जुड़ी निजी बातें अपराधियों तक पहुंच सकती हैं।

सामाजिक ठगी: अपराधी आपके परिचितों को झांसा देकर बड़े वित्तीय अपराध कर सकते हैं।

कैसे करें बचाव

किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा बताए गए यूएसएसडी कोड को कभी डायल न करें।

अपने मोबाइल में *#21# डायल करके जांचें कि कॉल फॉरवर्डिंग सक्रिय तो नहीं।

यदि सक्रिय मिले, तो ##002# डायल कर सभी कॉल फॉरवर्डिंग तुरंत बंद करें।

संदेहास्पद गतिविधि दिखे तो तुरंत मोबाइल सेवा प्रदाता और बैंक शाखा से संपर्क करें।

बैंक खाते से जुड़ी किसी भी अनधिकृत गतिविधि पर खाता फ्रीज कराएं।

शिकायत कहां करें

यदि आप इस प्रकार की साइबर ठगी के शिकार हुए हैं, तो तुरंत शिकायत करें —

राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल: www.cybercrime.gov.in

हेल्पलाइन नंबर: 1930

“नागरिकों को चाहिए कि किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा बताए गए कोड या लिंक पर भरोसा न करें। थोड़ी सी लापरवाही से बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है।”

— डॉ. शिवाजी पवार, पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच), पिंपरी चिंचवड़

Created On :   29 Oct 2025 4:41 PM IST

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