पुणे: आदिवासियों को उनकी जमीन और हक दिलाने के लिए पेसा एक्ट पर अमल हो गया शुरू

आदिवासियों को उनकी जमीन और हक दिलाने के लिए पेसा एक्ट पर अमल हो गया शुरू
  • पेसा एक्ट पर अमल शुरू हो गया है
  • केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की जानकारी
  • आदिवासियों को उनकी जमीन दिलाने की पहल

डिजिटल डेस्क, पुणे। आदिवासियों की जमीन और मकानों पर दूसरों के कब्जे के कई उदाहरण हैं। इस प्रकार की रोकथाम के लिए कई कानून हैं, हालांकि उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से लागू करना आवश्यक है। पेसा अधिनियम उन आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए बनाया गया था जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। अब इस कानून का इस्तेमाल आदिवासियों की जमीन, जंगल और वन संसाधनों को मालिकाना हक दिलाने के लिए किया जा रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'जन मन योजना' उसी का हिस्सा है। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने गुरुवार को पुणे में पेसा कानून को प्रभावी ढंग से लागू कर आदिवासी समाज को और अधिक सशक्त बनाने की अपील की।

केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम 1996 यानी 'पेसा' अधिनियम पर पुणे के यशवंतराव चव्हाण विकास प्रशासन प्रबोधिनी (यशदा) में आयोजित पहले दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन आज भारद्वाज ने किया। अपने संबोधन में विवेक भारद्वाज ने आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए पेसा कानून काफी महत्वपूर्ण बताया और सभी से आगामी समय में इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रयास करने की अपील की। उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव डाॅ. चन्द्रशेखर कुमार, संयुक्त सचिव ममता वर्मा, राज्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डावले, यशदा के अपर महानिदेशक सचिन्द्र प्रताप सिंह, उप महानिदेशक मल्लीनाथ कलशेट्टी, केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय के उप सचिव विजय कुमार आदि उपस्थित थे।

एकनाथ डवले ने महाराष्ट्र में पेसा कानून लागू होने की जानकारी देते हुए आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में इस बात पर अधिक विचार-विमर्श किया जाएगा कि पेसा के तहत आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए प्राप्त धन का अधिक कुशलता से उपयोग कैसे किया जा सकता है। पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव चन्द्रशेखर कुमार ने बताया कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में 5 राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद हैं और अगले चरण में 5 और राज्यों के लिए अलग-अलग सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे। परिचय में संयुक्त सचिव ममता वर्मा ने इन 5 राज्यों में पेसाअधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में एक प्रस्तुति दी।

इस सम्मेलन का उद्देश्य पेसा अधिनियम को लागू करने में राज्यों की प्रगति का मूल्यांकन करना और जमीनी स्तर के नीति निर्माताओं, नागरिक समाज संगठनों और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों के बीच अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। पहले दिन 'पेसा क्षेत्र में ग्राम सभाओं की प्रभावशीलता, इस क्षेत्र में रहने की सुविधा में उनकी भूमिका', 'पेसा क्षेत्र में लघु वनोपज एवं लघु खनिज' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में महाराष्ट्र सहित मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश राज्यों के संबंधित विभागों के अधिकारी, जन प्रतिनिधि और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

Created On :   11 Jan 2024 2:23 PM GMT

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