Pune City News: जांच से आंच नहीं, शान से काम कर रहे रिश्वतखोर

जांच से आंच नहीं, शान से काम कर रहे रिश्वतखोर
  • रंगेहाथ पकड़े गए
  • दिखावे के लिए निलंबन
  • दो-तीन साल से चल रही जांच

भास्कर न्यूज, पुणे। ग्राम सेवक हो या सरकारी कर्मचारी, उन पर रिश्वत के आरोप लगे, फिर रंगेहाथ पकड़ा गया। जांच ऐसी बैठी कि उठ ही नहीं पाई। आज ऐसे कई रिश्वरखोर कर्मचारी शान से फिर नौकरी कर रहे हैं। जांच है कि पिछले दो से तीन साल से पूरी होने का नाम नहीं ले रही है। नियमानुसार छह महीने में जांच रिपोर्ट नहीं आए, तो संबंधित निलंबित कर्मचारी फिर बहाल हो जाता है। ऐसे में शिकायत करने वाले लोग खुद को ठगा महसूस करते हैं।

ऐसे एक नहीं कई उदाहरण हैं। ग्राम पंचायत गार (दौंड) के बंद नाले के काम का बिल निकालने के लिए संबंधित ग्राम सेवक ने 31,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। 2022 में ग्राम सेवक 30000 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। जांच शुरू हुई, तीन साल हो गए, लेकिन रिपोर्ट तैयार नहीं है और उक्त सेवक मौज से काम कर रहा है।

इसी तरह पिंपरी के ग्राम सेवक ने जमीन मामले में खरीदी गई संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए 2023 में रिश्वत मांगी और पकड़ा गया। दो साल बीत चुके हैं, लेकिन जांच उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकी। वह बहाल होकर शान से काम कर रहा है।

ऐसा ही मामला मावल तहसील में मृत्यु प्रमाण पत्र से संबंधित है। सरपंच और ग्राम सेवक ने मृत्यु प्रमाण पत्र के ऐवज में रिश्वत मांगी और दोनों पकड़े गए। दो साल से जांच चल ही रही है।

राजगढ़ तहसील पंचायत अधिकारी ने संपत्ति क्षेत्र की रजिस्ट्री के लिए रिश्वत मांगी थी जिसके बाद उन्हें 2023 में निलंबित किया गया। दो साल से जांच जारी है।

मां के नाम से बेटे ने खड़काले (कामशेत) में सर्वे नं. 91, हिस्सा नं. 6 (अ) में प्लॉट नं. 12 (1225 वर्ग फीट) खरीदा था। प्लॉट नाम करने को लेकर रिश्वत मांगी गई, जिसकी विभागीय जांच जारी है।

एक अन्य मामले में आंगनवाड़ी भवन निर्माण का बिल पास करने के लिए 60 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई।

हम सात साथ हैं

जिला परिषद के ग्राम पंचायत विभाग में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने इस साल अब तक सात रिश्वतखोर ग्राम सेवकों और अधिकारियों पर कार्रवाई की है। उनमें से पांच की जांच हो रही है, तो दो ने रिश्वत मांगना स्वीकार किया है। ज्यादातर मामले रिश्वत मांगने के हैं। जिनकी जांच हो रही है, उनमें ग्राम सेवक नवनाथ चव्हाण, रणपिसे राजाराम दामू, अमोल थोरात, विट्ठल घाडगे, अधिकारी विकास काले, निर्मला खेड़कर और कांतिलाल कालाने शामिल हैं। जांच पूरी होने और रिपोर्ट आने तक ये सभी नौकरी में बने रहेंगे।

Created On :   17 Nov 2025 4:30 PM IST

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