Pune City News: जहांगीर वेलनेस सेंटर करेगा मन और शरीर की जांच

जहांगीर वेलनेस सेंटर करेगा मन और शरीर की जांच
  • दुनिया का पहला ‘इमोशनल एआई-आधारित’ स्वास्थ्य केंद्र शुरू
  • चिकित्सा मतलब इंसान को पूरी तरह समझना भी

भास्कर न्यूज, पुणे। मंगलवार पेठ मेट्रो स्टेशन के पास स्थित जहांगीर वेलनेस सेंटर (जेडब्लूसी) ने निहिलेंट कंपनी के साथ साझेदारी करते हुए मेडिकल-ग्रेड इमोशन एआई प्लेटफॉर्म ‘इमोस्केप’ को स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल कर लिया है। मंगलवार को दुनिया के पहले ‘इमोशनल एआई-आधारित’ स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन पुणे में किया गया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जहांगीर हॉस्पिटल के सीईओ विनोद सावंतवाडकर, सेंटर के बिजनेस डायरेक्टर (इमोस्केप) संदीप पेंडुरकर और निहिलेंट के संस्थापक एल.सी. सिंह ने बताया कि इस तकनीक के साथ जेडब्ल्यूसी दुनिया का पहला स्वास्थ्य संस्थान बन गया है जो मरीजों की भावनात्मक स्थिति की जांच नॉन-इनवेसिव एआई स्कैन के जरिए करेगा। यह कदम भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक मानवीय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ने की दिशा में बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि इमोस्केप के जरिए जेडब्ल्यूसी अब हर व्यक्ति की नौ प्रमुख मानवीय भावनाओं जैसे रौद्र, भय, हास्य, शृंगार, अद्भुत, वीभत्स, शांत, वीर और करुणा का विश्लेषण करेगा। यह सिस्टम सिर्फ 60 सेकंड में सुरक्षित और सटीक तकनीक से इमोशनल पैटर्न समझकर बताता है कि कौनसी भावनाएं व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित कर रही हैं। विश्लेषण को मेडिकल रिपोर्ट्स के साथ जोड़कर मरीज की संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति का एकीकृत चित्र तैयार किया जाता है। जेडब्ल्यूसी ने स्पष्ट किया है कि हर स्कैन पूरी तरह गोपनीय है और डेटा का प्रोसेसिंग उच्चतम नैतिक मानकों के तहत किया जाता है। इमोस्केप तकनीक उन भावनाओं को पकड़ती है जो अक्सर बीमारी की शुरुआत, तनाव, नींद की समस्या, हृदय रोग, पाचन संबंधी गड़बड़ियों और कई अन्य शारीरिक समस्याओं को प्रभावित करती हैं। यह तकनीक पारंपरिक चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक समझ के बीच की खाई को भरते हुए प्रिवेंटिव हेल्थ केयर को व्यापक और अधिक प्रभावी बनाती है।

चिकित्सा मतलब इंसान को पूरी तरह समझना भी

सेंटर का उद्घाटन करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. माधुरी कानिटकर ने कहा कि चिकित्सा का मतलब केवल बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि इंसान को पूरी तरह समझना भी है। यह तकनीक बेहद उपयोगी है और सही उद्देश्य से बनाई गई है। इससे मनोविज्ञान और भावनात्मक स्वास्थ्य के बेहतरीन परिणाम मिलेंगे। जहांगीर हॉस्पिटल के ट्रस्टी कोवास जहांगीर ने कहा कि हम हमेशा मानते आए हैं कि मन और शरीर का संबंध समझना ही वास्तविक स्वास्थ्य है। एआई-आधारित भावनात्मक जांच को वेलनेस सेवाओं में शामिल करना बड़ी उपलब्धि है। यह केंद्र उन पैकेजों और थेरेपी सेवाओं के लिए जाना जाता है जो शरीर, मन और आत्मा तीनों पहलुओं को एक साथ जोड़ते हैं।

निहिलेंट के एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन एल.सी. सिंह का कहना है कि हमारा मिशन हमेशा यह रहा है कि टेक्नोलॉजी इंसानों की जिंदगी आसान बनाए। भावनाओं और शरीर का रिश्ता बहुत गहरा है, इसलिए इमोस्केप का जन्म इसी विश्वास से हुआ। बिजनेस डायरेक्टर संदीप पेंडुरकर ने कहा कि आजकल तनाव सिर्फ ऑफिस में नहीं, बल्कि हर जगह है। मेरा मानना है कि अगर तनाव स्तर का सही प्रबंधन किया जाए, तो शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। दोनों ही एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं। जहांगीर हॉस्पिटल के सीईओ रमेश सावंतवाडीकर ने कहा कि इमोस्केप स्वास्थ्य सेवा की अगली पीढ़ी की तकनीक है। यह मन और शरीर दोनों की पूरी तस्वीर सामने लाती है।

Created On :   19 Nov 2025 6:20 PM IST

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