Pune City News: 680 में से केवल 38 स्कूलों के पास फायर एनओसी

680 में से केवल 38 स्कूलों के पास फायर एनओसी
शहर के स्कूलों और कोचिंग क्लासेस में विद्यार्थियों की जान जोखिम में

भास्कर न्यूज, पिंपरी चिंचवड़। शहर में लाखों बच्चों का भविष्य संवारने वाली शैक्षणिक संस्थाओं में ही उनकी जान को गंभीर खतरा है। दो दिन पहले पिंपले सौदागर की कोचिंग क्लास में आग की घटना के बाद शहर के शैक्षणिक संस्थानों का ब्योरा खंगालने पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मनपा की सीमा में कुल 680 स्कूल हैं जिनमें से केवल 38 स्कूलों (सिर्फ 5.6%) के पास ही अग्निशमन सुरक्षा प्रमाण पत्र (फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट) है। जब शहर के स्कूलों की यह दयनीय स्थिति है, तो शहर में चल रही सैकड़ों कोचिंग क्लासेस की सुरक्षा का हाल क्या होगा?

सोमवार को पिंपले सौदागर की बहुमंजिला इमारत स्थित कोचिंग क्लास में आग लगने की घटना के बाद, जहां दमकल कर्मियों ने छह लोगों को बचाया, वहीं शहर के शैक्षणिक क्षेत्र में आग सुरक्षा का मुद्दा गंभीर हो गया है। पिंपले सौदागर की घटना में भले ही जान-माल का नुकसान टल गया हो, लेकिन घटना ने लचर प्रशासन और मनमानी को उजागर कर दिया है। अग्निशमन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि संकरी जगह, भीड़, सिंगल एंट्री-एग्जिट और बिजली के खतरों के कारण कोचिंग क्लासेस में आग लगने पर भारी जान-माल का नुकसान हो सकता है।

स्कूल-कोचिंग क्लासेस में सुरक्षा मानकों से खिलवाड़

मनपा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शहर में कुल 680 स्कूल हैं। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए प्रस्तुत 170 आवेदनों में से केवल 38 संस्थानों को ही प्रमाण पत्र मिला है। 169 स्कूलों ने आवेदन किया, पर 117 आवेदन लंबित पड़े हैं। उचित उपायों की कमी के कारण 15 आवेदन खारिज होने की जानकारी भी सामने आई है। शहर के स्कूलों की यह स्थिति है, जबकि कोचिंग क्लासेस की जानकारी तो मनपा के पास है ही नहीं। अधिकारियों द्वारा यह स्वीकार करना कि वे कोचिंग क्लासेस की सुरक्षा से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं, लाखों विद्यार्थियों की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है।

कोचिंग क्लासेस में सुरक्षा के खतरे

* सुरक्षा उपकरणों का अभाव: फायर एक्सटिंग्विशर, स्मोक डिटेक्टर और फायर अलार्म सिस्टम की कमी।

* आपातकालीन निकास की कमी: संकीर्ण स्थान, बाधाएं और अक्सर केवल एक ही प्रवेश/निकास द्वार।

* मॉक ड्रिल की उपेक्षा: आपातकाल की स्थिति में कर्मचारियों और विद्यार्थियों को प्रशिक्षित नहीं किया जाता।

* विद्युत जोखिम: तारों का जंजाल, इनवर्टर, कंप्यूटर आदि के कारण शॉर्ट सर्किट की उच्च संभावना।

नोटिस का दिखावा, कठोर कार्रवाई नहीं

पिंपले सौदागर की घटना के बाद मनपा और संबंधित विभाग हरकत में आए हैं, लेकिन केवल नोटिस जारी करने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। आग लगने के बाद प्रतिक्रिया देने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण निवारक उपाय होते हैं। फायर एक्सटिंग्विशर, स्मोक डिटेक्टर, अलार्म, आपातकालीन लाइट्स, निकास साइनेज और प्रशिक्षित कर्मचारी न्यूनतम सुरक्षा मानदंड हैं। प्राइवेट कोचिंग क्लासेस के लिए फायर ऑडिट और सर्टिफिकेट अनिवार्य करना, बिना प्रमाण पत्र वाले क्लासेस को तुरंत बंद करने का आदेश देना समय की मांग बन गई है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध

मनपा के अतिरिक्त आयुक्त विजयकुमार खोराटे ने बताया कि पिंपरी-चिंचवड़ मनपा ने फायर सेफ्टी इंस्पेक्शन, रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेट के लिए वेबसाइट पर ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा उपलब्ध कराई है। इस बारे में अग्निशमन विभाग ने 'क्यूआर कोड' जारी किया है, जिसे स्कैन करके जरूरी दस्तावेज जमा करके रजिस्ट्रेशन और फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया जा सकता है। विद्यार्थियों की सुरक्षा निश्चित कर कोचिंग क्लास और शैक्षिक संस्थानों की पहली जिम्मेदारी है। इसीलिए सभी को रजिस्ट्रेशन और फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।

शैक्षणिक संस्थानों में अग्निशमन सुरक्षा प्रमाण पत्र की स्थिति

संस्थान का प्रकार, प्राप्त आवेदन, प्रमाण पत्र प्रदान, लंबित मामले, खारिज आवेदन

अनुदानित स्कूल 24 03 18 06

बिना अनुदानित स्कूल/कॉलेज 138 35 91 12

सरकारी/अर्ध-सरकारी संस्थान 05 00 05 00

बाल देखभाल केंद्र 00 00 00 00

बालवाड़ी/नर्सरी 02 00 02 00

कोचिंग क्लासेस 01 00 01 00

कुल योग 170 38 117 15

Created On :   5 Dec 2025 4:24 PM IST

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