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Pune City News: किताब-कॉपियों पर कम करें जीएसटी

भास्कर न्यूज, पुणे। किताब, कॉपियों और कागज पर लागू वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) की दर कम करने की मांग प्रकाशन और शिक्षा क्षेत्र से जोर पकड़ रही है। अब पुणे के सांसद और केंद्रीय सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को औपचारिक पत्र भेजा है। उन्होंने किताबों पर लगाया जीएसटी कम करने की मांग की है।
मोहोल ने पत्र में कहा है कि कागज और संबंधित सामग्री पर जीएसटी की दर 12 से 18 प्रतिशत करने से किताबों की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वृद्धि का सीधा असर विद्यार्थियों, अभिभावकों, लेखकों के साथ-साथ लघु और मध्यम प्रकाशन उद्योगों पर पड़ रहा है। कोविड के बाद अभी भी रिकवरी के दौर से गुजर रहे प्रकाशन उद्योग को इस बढ़े हुए कर के कारण फिर से संकट का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए मैं आपसे जीएसटी वृद्धि पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करता हूं।
पत्र में कहा गया है कि किताबें केवल वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि ज्ञान, शिक्षा और संस्कृति का आधार हैं। ऐसे में किताबों पर जीएसटी की दर घटाकर 12 प्रतिशत कर देना चाहिए या फिर शैक्षिक उपयोग के लिए कागज और किताबों को पूरी तरह कर मुक्त कर देना चाहिए। पत्र में कहा गया है कि जीएसटी की दर कम करने से प्रकाशन और मुद्रण उद्योग में नई जान आएगी, किताबें और शैक्षणिक सामग्री सभी के लिए सस्ती हो सकेंगी और विकसित भारत के ज्ञान आधारित लक्ष्य को बढ़ावा मिलेगा। मोहोल ने अनुरोध किया है कि शिक्षा और प्रकाशन क्षेत्र ज्ञान आधारित समाज के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, इन क्षेत्रों पर बढ़ते करों का बोझ न डाला जाए।
Created On :   11 Nov 2025 3:37 PM IST












