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सिस्टम का अड़ंगा: 2003 परिवारों को डेढ़ साल से पीएम आवास का इंतजार, खामियाजा भुगत रहे जरूरतमंद परिवार
- 2003 परिवारों को डेढ़ साल से पीएम आवास का इंतजार
- नगर पालिका के तत्कॉलीन जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने समय पर नहीं भेजा डीपीआर
- खामियाजा भुगत रहे जरूरतमंद परिवार
डिजिटल डेस्क, शहडोल। शहर में 2003 जरूरतमंद परिवारों को डेढ़ साल से पीएम आवास शहरी योजना में स्वयं की छत का इंतजार है। इन परिवारो के पक्के आवास का सपना इसलिए साकार नहीं हो रहा है क्योंकि नगर पालिका के तत्कॉलीन जनप्रतिनिधि व अधिकारी-कर्मचारियों ने समय रहते प्रपोजल नहीं भेजा। सरकार ने सितंबर 2022 तक पीएम आवास के लिए नई डीपीआर में स्वीकृतियां-अनुमति का प्रावधान रखा था। इस बीच शहडोल से डीपीआर निर्धारित अवधि में नहीं पहुंची और अब इसका खामियाजा उन 2003 गरीब परिवारों को भुगतना पड़ रहा है जो पीएम आवास से पक्के मकान का सपना संजोए थे।
कमिश्नर ने दिए हैं बेसलाइन सर्वे के आदेश
पीएम आवास योजना का लाभ सभी जरूरतमंद परिवारों को दिलाने के लिए बीते दिनों आयोजित बैठक में कमिश्नर बीएस जामोद ने बेसलाइन सर्वे के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक बार जमीनी स्तर पर सर्वे करवाकर सूची तैयार करवा लिया जाए। जब योजना से लाभ दिलाने के लिए हितग्राहियों की सूची मंगवाई जाएगी तो फौरन भेजने में आसानी होगी।
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5 सौ नए आवेदक आए सामने
2003 परिवारों को पीएम आवास मंजूर नहीं होने के साथ ही डेढ़ साल में 5 सौ नए आवेदक और आ गए हैं। ऐसे आवेदक नगर पालिका पहुंचकर कर्मचारियों से यही सवाल कर रहे हैं कि उन्हे आवास की मंजूरी कब मिलेगी।
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जिम्मेदारों को परवाह नहीं
नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम जायसवाल ने बताया कि उपर बैठे जिम्मेदारों को इस बात की परवाह ही नहीं है कि गरीब परिवारों को आवास नहीं होने से किस तरह की परेशानी हो रही है। सरकार की योजना है तो लोगों को समय रहते लाभ मिलना चाहिए। शहडोल का यह अनूठा मामला है जिसमें 2 हजार से ज्यादा परिवारों को डेढ़ साल बाद भी पीएम आवास मंजूर नहीं है।
Created On :   26 March 2024 4:22 PM IST