शहडोल: सोन-बनास नदी के सात घाट पर दो माह से खुलेआम रेत का अवैध खनन, शिकायत पर जिम्मेदार बेपरवाह

सोन-बनास नदी के सात घाट पर दो माह से खुलेआम रेत का अवैध खनन, शिकायत पर जिम्मेदार बेपरवाह

डिजिटल डेस्क, शहडोल। ब्यौहारी तहसील अंतर्गत सोन नदी पर सुखाड़, गोपालपुर व सुघड़ा और बनास नदी पर जनकपुर, कुसमानी, कलदहा व दुर्गापुर रेत घाट पर बारिश समाप्त होने के बाद से रेत का अवैध खनन और परिवहन का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। इन मामलों पर रोक लगाने के लिए बीच-बीच में शिकायतें भी हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसी का नतीजा रहा है कि रेत माफिया का दुस्साहस बढ़ता गया और शनिवार-रविवार की दरमियानी रात गोपालपुर घाट के समीप रेत चोरी रोकने गए पटवारी प्रसन्न सिंह पर ही रेत माफिया का ट्रैक्टर चढ़ा दिया गया। पटवारी की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद से ही जिले का प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली कटघरे पर है। आसपास के ग्रामीण इसे स्थानीय नेता, अधिकारी और रेत माफिया के गठजोड़ का नतीजा बता रहे हैं। रेत माफिया के वाहन से पटवारी की मौत हुई तो कलेक्टर वंदना वैद्य ने सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य की लापरवाही बताया। कहा कि उनके क्षेत्र से रेत का अवैध खनन हो रहा है तो रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने पूर्व में पत्राचार का हवाला भी दिया। इस बीच इस पूरे मामले पर पुलिस बैकफुट पर नजर आई। पुलिस ने ड्राइवर व ट्रैक्टर चालक को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन घटना के 24 घंटे बाद तक रेत चोरी से जुड़े गिरोह के सदस्यों की जवाबदेही तय नहीं हुई।

20 दिन पहले रेत चोरी से जुड़े वायरल ऑडियो में प्रत्येक गाड़ी से दो हजार रूपए लेने की बात

सोन नदी के गोपालपुर घाट पर रेत माफिया के ट्रैक्टर से पटवारी की मौत के बाद ब्यौहारी अंचल में 20 दिन पहले वायरल ऑडियो एक बार फिर चर्चा में है। इसमें रेत चोरी से जुड़े मामले में नेता और ट्रैक्टर मालिक के बीच बात हो रही है। इसमें स्थानीय नेता कह रहे हैं कि थाने से फोन आया था। खदान में नया ट्रैक्टर पहुंचने पर जानकारी मांग रहे हैं। जिस पर ट्रैक्टर मालिक ने स्वयं का वाहन होना बताया तो स्थानीय नेता ने प्रति ट्रिप दो हजार रूपए तय करने की बात कही। वायरल ऑडियो में स्थानीय नेता द्वारा अधिकारियों को ऊपर तक पैसे भेजने की बात भी कही गई।

(वायरल ऑडियो दुर्गेश और बिक्कू के बीच बातचीत बताया जा रहा है, इसकी सत्यता की पुष्टि दैनिक भास्कर नहीं करता है.)

2019 में जिस आरक्षक को देवलोंद थाने से हटाया वर्तमान में वहीं पदस्थ

रेत माफिया के ट्रैक्टर से पटवारी की मौत के बाद 28 दिसंबर 2019 को आईजी ऑफिस शहडोल के आदेश पर देवलोंद थाने से हटाए गए आरक्षक 687 धीरेंद्र भदौरिया का पत्र सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुआ। इस आदेश में तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक एसपी सिंह ने जनप्रतिनिधियों व थाना प्रभारी की शिकायत के बाद जांच का हवाला देते हुए आरक्षक धीरेंद्र भदौरिया का संबंध अवैध रेत तस्करों से होना बताया था। देवलोंद थाने से हटाने की बात कही थी। शनिवार की रात हादसे के बाद पता चला कि वर्तमान में आरक्षक धीरेंद्र सिंह लंबे समय से वहीं पदस्थ है।

सुलगते सवाल

>> देवलोंद थाना भवन के पीछे से लगातार रेत लोड वाहन निकलते रहे तो शिकायत के बाद भी पुलिस ने समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की।

>> खनिज और राजस्व की टीम ने 24 व 25 नवंबर को कार्रवाई कर क्रमश: 15 व 17 हाईवा रेत जब्त की गई फिर तहसीलदार को 25 नवंबर की रात चार पटवारियों को भेजने के निर्देश आखिर किसने दिए।

>> शहडोल जिले में रेत ठेके में नीलामी में देरी के कारण रेत खदानों के आसपास रेत चोरी के छोटे गिरोह सक्रिय हुए तो समय-समय पर प्रशासन और पुलिस तक जानकारी पहुंचने पर भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

Created On :   27 Nov 2023 7:44 AM GMT

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