Shahdol News: जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारंभ होने के दो माह बाद तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारंभ होने के दो माह बाद तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
  • तालाब उपेक्षित और मंहगे होटल में कार्यशाला
  • ग्राम पंचायत गोरतरा में बैगा समुदाय के लोग कुछ दिन पहले ही सूखे तालाब के बीच पहुंचकर अपनी पीड़ा बयां की।
  • जनपद कार्यालय में लाखों रूपए खर्च कर हाल बनवाया गया है, कार्यशाला का आयोजन वहीं हो सकता था।

Shahdol News: सोहागपुर जनपद द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत खेत तालाब योजना की जानकारी व साफ्टवेयर प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला का आयोजन बुधवार को शहर के मंहगे होटल में किया गया तो कार्यशाला के स्थल चयन पर सवाल उठ रहे हैं। कार्यशाला में शामिल होने वाले सरपंचों ने ही कहा कि जनपद कार्यालय में लाखों रूपए खर्च कर हाल बनवाया गया है। कार्यशाला का आयोजन वहीं हो सकता था। ऐसे में मंहगे होटल में कार्यशाला करना पैसे की बर्बादी है।

इस पर जनपद सीइओ मुद्रिका सिंह का कहना है कि होटल के बिल का भुगतान प्रदान संस्था द्वारा किया जाएगा। कार्यशाला में शामिल होने वाले सरपंचों ने बताया कि यहां योजना को लेकर जरूरी जानकारी भी नहीं दी गई। कुछ लोग बाहर ही टहलते रहे। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि प्रदान संस्था को योजना से जोड़ा गया है तो संस्था के द्वारा क्या शासन की मंशा के अनुरूप काम किया जा रहा है।

खासबात यह है कि जल स्रोतों को संरक्षित करने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च को प्रारंभ होने के दो माह बाद सोहागपुर जनपद को प्रशिक्षण कार्यशाला की याद आई। विभाग द्वारा अभियान के तहत बनाए जाने वाले खेत तालाब एवं डगवेल रिचार्ज के तकनीकी पहलुओं पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुद्रिका सिंह ने कार्यशाला में शामिल सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक को गुणवत्ता पूर्ण तरीके से कार्य सम्पन्न करने की समझाईश दी।

उन्होंने कहा कि सभी कार्य वर्षा के पूर्व पूरे कर लिए जाएं। इस दौरान सिपरी एप्प के उपयोग की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि खेत तालाब के स्थल चयन में यह कैसे काम करेगा। प्रशिक्षण में सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा अनुराग निगम, उपयंत्री, ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव तथा ग्राम रोजगार सहायक मौजूद रहे।

तालाबों के संरक्षण में उदासीनता के उदाहरण

> ग्राम पंचायत गोरतरा में बैगा समुदाय के लोग कुछ दिन पहले ही सूखे तालाब के बीच पहुंचकर अपनी पीड़ा बयां की। बताया कि प्रशासन द्वारा तालाब के संरक्षण में ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

> ग्राम जमुआ, जमुई, धुरवार, नवलपुर, हर्री सहित अन्य गांव में ग्रामीणों के निस्तार के तालाब उपेक्षित हैं। इनकी सुध नहीं ली जा रही है।

> कई गांव में निजी कंपनी द्वारा सीएसआर योजना से तालाबों का गहरीकरण कार्य किया जा रहा है। ऐसे कार्यों में पंचायत से भी राशि आहरण की शिकायत पूर्व में हुई है।

Created On :   29 May 2025 1:45 PM IST

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