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Shahdol News: पॉलिथीन प्रतिबंध का आदेश 8 साल बाद भी बेअसर

- बाजार में समझाइश के बाद भी उपयोग पर जुर्माने की कार्रवाई निर्देश तक सीमित होकर रह गया है।
- हानिकारक पॉलिथीन उपयोग से होने वाले नुकसान को लेकर आमजनों को जागरूक करने में एमपीपीसीबी का रवैया उदासीन है।
Shahdol News: संभाग मुख्यालय शहडोल में हानिकारक पॉलिथीन का धड़ल्ले से उपयोग की कहानी बयां करती तस्वीर नटराज मार्केट के पीछे और मोहनराम तालाब में पूजा सामग्री विसर्जन कुंड की है। पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदायक पॉलिथीन के उपयोग का यह आलम तब है जब मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) द्वारा पॉलिथीन प्रतिबंध को लेकर 24 मई 2017 से अभियान चलाया जा रहा है। इस दिन से प्रदेश सरकार ने जैव अनाश्य अपशिष्ट (नियंत्रण) अधिनियम 2004 में संशोधन कर, प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन, भंडारण, परिवहन, विक्रय और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया।
जागरूकता से लेकर कार्रवाई में बेपरवाह विभाग
> हानिकारक पॉलिथीन उपयोग से होने वाले नुकसान को लेकर आमजनों को जागरूक करने में एमपीपीसीबी का रवैया उदासीन है।
> बाजार में समझाइश के बाद भी उपयोग पर जुर्माने की कार्रवाई निर्देश तक सीमित होकर रह गया है।
> एमपीपीसीबी शहडोल के क्षेत्रीय अधिकारी मुकेश श्रीवास्तव पॉलिथीन पर जागरूकता अभियान व कार्रवाई के सवाल पर भोपाल में होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
पॉलिथीन से यह नुकसान
> रंगीन पॉलिथीन बनाने में कैडमियम क्रोमियम जैसे खतरनाक रसायन प्रयोग होने और बाजार में गीला प्रदार्थ जैसे दूध, दही, चटनी, चाट, चाय रखने से हानिकारक रसायन खाद्य पदार्थ में मिल जाता है, इससे किडनी संबधी बीमारी का खतरा रहता है।
> कचड़े में फेंकने से गाय व जानवर खाते हैं और उनकी मौत हो जाती है।
> नाली में फेंकने पर पानी चोक होने के बाद गंदा पानी रूकने से मच्छर पनपते हैं, इसके नहीं सडऩे से जमीन में पानी सोखने का क्रम प्रभावित होता है।
Created On : 5 Jun 2025 1:01 PM