वर्धा: मां से बिछड़े डेढ़ माह के राजू को करुणाश्रम में मिला दुलार, बेहोशी की अवस्था में था

मां से बिछड़े डेढ़ माह के राजू को करुणाश्रम में मिला दुलार, बेहोशी की अवस्था में था
  • जिले में पहली बार पाया गया अलबिनो लंगूर
  • दुर्लभ बीमारी से है ग्रसित
  • लंगूर बेहोशी की अवस्था में मिला था

डिजिटल डेस्क, वर्धा. एक सप्ताह पूर्व आर्वी में एक घर की छत पर मां से बिछडा डेढ़ माह का लंगूर बेहोशी की अवस्था में मिला था। इसकी जानकारी वन विभाग को मिलते ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर लंगूर की जांच करने पर वह अलबिनो नामक प्रजाति का पाया गया, परंतु उसे उपचार की जरूरत थी। जिससे उसे वर्धा शहर से सटे पिपरी मेघे स्थित पीपल्स फॉर एनिमल्स के करुणाश्रम में लाया गया। यहां पशु चिकित्सकों ने उसकी जांच करने पर वह मेलोनिझम नामक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित होने का पता चला है। जिससे करुणाश्रम में उसका इलाज शुरू है। यहां करुणाश्रम में उसका नाम राजू रखा गया है।

मां से बिछड़े नन्हे लंगूर को मां सा दुलार देने की कोशिश हो रही है। फिलहाल राजू की हालत स्थिर है। उसे रोजाना दिन में 6 बार दूध पिलाया जाता है। अन्य वन्यजीवों से सुरक्षित रहे, इसके लिए उसे अलग पिंजरे में रखा गया है, ऐसी जानकारी वन्यजीव प्रेमी ऋषिकेश गोड़से ने दी है। बताया गया कि वर्धा में पहली बार अलबिनो लंगूर पाया गया है। करुणाश्रम में वन्यजीव प्रेमियों के प्यार, दुलार व सही उपचार से राजू जल्द ही ठीक होगा, ऐसी उम्मीद की जा रही हंै।

कर्मचारियों को भी हो गया राजू से लगाव

डाॅ.संदीप जोगे के मार्गदर्शन में राजू का इलाज शुरू है। करुणाश्रम के कर्मचारियों को भी नन्हे राजू से लगाव हो गया है। राजू को जब पिंजरे से बाहर निकाला जाता है, तब वो काफी शांत होता है। राजू के ठीक होते ही उसे वापस मां से मिलाने की कोशिश की जाएगी। फिलहाल पीपल्स फॉर एनिमल्स के अध्यक्ष आशीष गोस्वामी व वन्यजीव प्रेमी ऋषिकेश गोडसे सहित अन्य कर्मचारी राजू की देखभाल कर रहे हैं।

Created On :   27 March 2024 12:20 PM GMT

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