सुनवाई: प्रकल्पग्रस्तों के नौकरी आरक्षण पर भूमिका स्पष्ट करें

प्रकल्पग्रस्तों के नौकरी आरक्षण पर भूमिका स्पष्ट करें
कोर्ट ने कहा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार को प्रकल्पग्रस्तों के नौकरी आरक्षण पर भूमिका स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। राज्य के मुख्य सचिव को इस मामले पर अगली सुनवाई में जवाब दायर करने को कोर्ट ने कहा है। नागपुर खंडपीठ में राज्य सरकार पुनर्वास अधिनियम के अनुसार गोंदिया जिले के प्रकल्पग्रस्तों को नौकरी में आरक्षण दिया जाए, इस मांग को लेकर याचिका दायर की गई है। प्रकल्पग्रस्तों के लिए शासन वर्ग 3 और वर्ग 4 में नौकरी भर्ती में 5 प्रतिशत आरक्षण देते हुए विज्ञापन निकाला जाए, यह मांग भी याचिका में की गई है।

जनहित की मांग है : मामले पर हुई सुनवाई में कोर्ट के ध्यान में आया कि यह मामला सिर्फ गोंदिया जिले के प्रकल्पग्रस्तों के लिए सीमित नहीं है। यह जनहित की मांग है, इसलिए कोर्ट ने याचिका को जनहित याचिका में दर्ज करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग को प्रतिवादी करने को कहा है। साथ ही प्रकल्पग्रस्तों के नौकरी आरक्षण पर मुख्य सचिव को जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अनिल ढवस, एड. कौस्तुभ भिसे ने पैरवी की। राज्य सरकार की ओर से एड. डी. पी. ठाकरे ने पक्ष रखा।

Created On :   30 Dec 2023 9:03 AM GMT

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